जून 20, 2021। योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज एवं श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के पावन आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन में संचालित पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर गणमान्य वक्ताओं, शिक्षाविद्ों एवं श्रेष्ठ संन्यासियों का उद्बोधन प्राप्त हुआ। छठे दिवस की परिचर्चा का प्रारम्भ पतंजलि विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष प्रो0 वी0 के0 कटियार जी के संबोधन से हुआ जिसमें उन्होंने पूज्य स्वामी रामदेव जी द्वारा बताये गये विभिन्न प्राणायाम के वैज्ञानिक प्रभावों का वर्णन करते हुए श्वसन यांत्रिकी पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। विश्वस्तरीय पतंजलि अनुसंधान संस्थान के उपाध्यक्ष एवं वैज्ञानिक डाॅ. अनुराग जी ने कोविड-19 के वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में आयुर्वेद से आरोग्य विषय पर अनुसन्धानपरक विचार रखे। संगोष्ठी में आई.आई.टी. रूड़की के विद्वान् आचार्य डाॅ. रजत अग्रवाल जी ने अपने उद्बोधन में योग एवं अध्यात्म पर चर्चा करते हुए जीवन प्रबंधन की विभिन्न तकनीकों से अवगत कराया।युवा संन्यासी एवं योग सप्ताह के आयोजन सचिव पूज्य स्वामी परमार्थदेव जी ने उपनिषदों के विशेष संदर्भ में आत्मज्ञान की विषद् व्याख्या की एवं युवाओं को वैदिक संस्कृति को जानने एवं जीवन में उसके अनुप्रयोग हेतु अभिप्रेरित किया। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ के माननीय कुलपति प्रो0 ए.डी.एन. वाजपेयी जी ने युवाओं कोे ऋषि संस्कृति को समझाते हुए उन्हें शरीर व मन की प्रयोगशाला में आत्म-अनुसंधान करने का आह्वान किया।अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डाॅ. अंजू त्यागी जी ने स्वस्थ जीवन के लिए अध्यात्म विषय पर अपने विचार रखे। आयुर्वेद एवं मानव स्वास्थ्य विषय पर डाॅ. राजेश मिश्रा ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय की होनहार छात्रा कु. मैत्रेयी ने स्वरचित कविता सुनायी। शिवम एवं वरदान चैधरी ने ‘माँ भारती के खातिर तन-मन मेरा स्वदेशी’ गायन प्रस्तुत किया।