जीतेन्द्र कुमार सिंह, सीनियर एडिटर /ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के सौजन एवं पारिस्थितिकी संतुलन के लिए भागलपुर में पौधारोपण कर यहां गो ग्रीन अभियान की शुरूआत की गयी।जीकेसी के गो ग्रीन अभियान की शुरूआत जीकेसी की प्रबंध न्यासी और गो ग्रीन की राष्ट्रीय प्रभारी श्रीमती रागिनी रंजन के मार्गदर्शन में समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसी के तहत गो ग्रीन अभियान को आगे बढाते हुए भागलपुर में इसकी शुरुआत की गई।उक्त अवसर पर रागिनी रंजन, गो ग्रीन की राष्ट्रीय सह प्रभारी और जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा नम्रता आनंद, जीकेसी की सीएफओ निष्का रंजन एवं जीकेसी के अन्य सदस्य शामिल रहे। इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार जीकेसी के सचिव संजय सिन्हा एवं जीकेसी बिहार की उपाध्यक्ष रूबी दास जी के निर्देशन में शुरू किया गया।श्रीमती रागिनी रंजन ने बताया कि पर्यावरण को लेकर हमनें विस्तार पूर्वक चर्चा की। हमारे बीच संकल्प लिया गया जिसके अंतर्गत पौधे लगाने एवं उसे संरक्षित करने का कार्य वृहद स्वरूप में किया जाएगा। यहां पौधे लगाने की विधिवत कार्यक्रम की शुरुआत हुई और इसके अंतर्गत स्थानों का चयन किया गया, साथ ही साथ कथित किचन वेस्ट को लेकर एक योजना की शुरुआत होगी,सोशल मीडिया एवं कला संस्कृति के द्वारा लोगों को जानकारी दी जाएगी।इसमें कला संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव श्वेता सुमन जी का ग्रो गीन क्लब काफी उत्साह पूर्वक काम करेगा। भागलपुर की रेशम नगरी का सघन दौरा किया गया, जिसमें जीकेसी की आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। जीकेसी के सदस्यों ने रामानंदी देवी हिन्दू अनाथालय में बच्चों के साथ गो ग्रीन अभियान को साझा किया, बच्चों ने काफी उत्साह के साथ भाग लिया, साथ ही साथ उनके बीच स्नैक्स का वितरण किया गया।डा. नम्रता आनंद ने बताया कि श्री रागिनी रंजन के नेतृत्व में जीकेसी बिहार की इकाई ने भागलपुर जिले में गो ग्रीन अभियान का शुभारंभ रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय के कैंपस में किया। यह शिशुगृह केंद्रीय दत्तक ग्रहण एजेंसी भारत सरकार के अधीन है। 95 साल पूरा कर चुके इस अनाथालय में भागलपुर जिला के गो ग्रीन अभियान की शुरुआत एक अच्छी और सच्ची भावना से किया गया है। कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय जितना ज्यादा से ज्यादा हरियाली फैलाना है। हरियाली होगी तो हमारी प्रकृति में ऑक्सीजन की कमी नहीं हो पाएगी। इसलिए खुद भी जगे और सबको जगाए और चारों तरफ हरियाली फैलाएं, जिससे हमारी रूठी हुई प्रकृति फिर से खुश हो जाए। पौधारोपण ही एकमात्र उपाय है, जो पारिस्थितिकी संतुलन पर नियंत्रण कर सकता है।