कौशलेन्द्र पाराशर पटना से /बिहार बोर्ड और बिहार सरकार के गलत नीति से हजारों छात्रों का भविष्य अधर में, छात्रों का कहना है बिहार बोर्ड ने पूर्व में जो रिजल्ट जारी किया था उसमें लगभग 25000 छात्रों को पास किया गया था, छात्रों में अपार खुशी व्याप्त था, बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा था जितने छात्र क्वालीफाई कर गए हैं सभी छात्र शिक्षक बनेंगे. सभी क्वालीफाई अभ्यार्थियों को शुभकामनाएं दी थी. अभ्यर्थियों के द्वारा अपर शिक्षा सचिव संजय कुमार से जब भी बात किया जा रहा था तो ने ट्वीट कर जवाब दिया सभी क्वालीफाई छात्रों की भर्ती शिक्षकों के रूप में होगी. छात्रों में अपार हर्ष व्याप्त था. लेकिन जब कल बिहार बोर्ड ने रिवाइज रिजल्ट जारी किया तब एक साथ हजारों छात्रों पर वज्रपात हो गया . 50 से ज्यादा छात्रों का फोन कंट्री इनसाइड न्यूज़ समाचार कार्यालय को प्राप्त हुआ, छात्रों के अजब-गजब आरोप सरकार पर लगे. छात्रों ने मुख्यमंत्री से लेकर आनंद किशोर पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ तो हैं एक बिहार बोर्ड की स्पष्ट नीति नहीं है. छात्रों ने बार-बार जानना चाहा क्या बिहार बोर्ड कोई भर्ती इकाई है. क्या इतने बड़े अधिकारी और मंत्री से इतनी बड़ी भूल हो सकती है. पूर्व के रिजल्ट में भी उतना ही रिजल्ट और वर्तमान के रिजल्ट में भी उतना ही रिजल्ट तो फिर छात्र मेरिट लिस्ट से बाहर कैसे कैसे.अध्यक्ष,दिलीप कुमार -राष्ट्रीय छात्र एकता मंच ने दूरभाष पर कहा की छात्रर जल्द पटना की ओर रुख करेंगे बड़े़़े़े़े़े़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे, छात्रों ने बिहार बोर्ड -बिहार सरकार पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं.