वाराणसी में महिला अपराध पर नियंत्रण रखने के लिए पहली बार एक महिला आईपीएस की नियुक्ति की गई है । काशी की पहली अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध आरती सिंह से कंट्री इनसाइड न्यूज़ ने खास बातचीत की है । पीएम मोदी के संससदीय क्षेत्र वाराणसी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को दुरुस्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले यहां पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया । इसके बाद अब काशी में महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए शासन ने यहां एडीसीपी महिला सुरक्षा के नाम से एक अलग पद सृजित कर आईपीएस आरती सिंह को यहां तैनात किया है. ऐसे में जिले में पहली बार महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी की तैनाती की गई है. जिससे काशी में महिलाओं को भयमुक्त माहौल मिल सके और वह अपनी समस्याओं को बिना डरे कह सके. कंट्री इनसाइड न्यूज़ की टीम ने वाराणसी कमिश्नरेट में तैनात पहली महिला आईपीएस आरती सिंह से खास बातचीत की आपके लिए हमारी ये रिपोर्ट ।
‘महिला सुरक्षा है प्राथमिकता’
कंट्री इनसाइड न्यूज़ के वरिष्ठ संपादक सिया राम मिश्र से बातचीत में वाराणसी की पहली अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध आरती सिंह ने बताया कि कमिश्नरेट में महिला अपराध को लेकर मेरी पहली नियुक्ति की गई है. मेरी प्राथमिकता है कि मैं महिलाओं को सुरक्षित रखूं । उन्होंने बताया कि इसके लिए पुलिस विभाग की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं । समय-समय पर चेकिंग व सघन अभियान चलाकर के महिला सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा रहा है । अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध आरती सिंह ‘ विभिन्न कार्यक्रमों के तहत किया जाएगा जागरूक ‘ उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन के द्वारा संगोष्ठी, पोस्टर के साथ-साथ तमाम तरीके के कार्यक्रमों का आयोजन कर महिलाओं को जागरूक किया जाएगा । यह कवायद पहले ही शुरू हो गई होती, लेकिन कोरोना काल की वजह से इन प्रक्रियाओं को थोड़े वक्त के लिए रोक दिया गया है । स्थिति सामान्य होने पर स्कूलों में गांव में अन्य स्थानों पर जाकर के महिलाओं को जागरूक किया जाएगा. इससे वह अपने अधिकारों को समझ सकें और अपने खिलाफ होने वाले अन्याय के विरुद्ध आवाज उठा सकें । ‘ महिलाओं के लिए तैयार करना है पुलिस फ्रेंडली माहौल ‘ उन्होंने बताया कि पुलिस कमिश्नरेट में इस पद को नियुक्त करने के पीछे एक मंशा थी । एक महिला अन्य महिलाओं की बातों को बेहतर तरीके से समझ सकती है और मेरी यह प्राथमिकता में शामिल है । मैं महिलाओं के लिए पुलिस फ्रेंडली माहौल तैयार कर सकूं क्योंकि थाना, चौकी पर जाकर वह अपनी बातों को खुल कर नहीं रख पाती हैं. ऐसे में वो यहां आकर अपनी समस्या बता सकती हैं और उसका निराकरण किया जाएगा । उन्होंने बताया कि बीते 1 महीने में इसका सकारात्मक परिवर्तन भी देखने को मिला है । महिलाएं आ रही हैं और बेखौफ होकर अपनी बातें कह रही हैं । वह फोन के माध्यम से या फिर एप्लीकेशन के माध्यम से अपनी बातें बता रही हैं । उसका निराकरण किया जा रहा है हमें उम्मीद है कि भविष्य में और सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे ।