सौरभ निगम की रिपोर्ट /दालों के आसमान छूते भाव के चलते दाल रोटी भी जुटाना आम लोगों के लिए भारी पड़ने लगा है । हरी सब्जियों के आसमान छूते भाव के कारण आम लोग दाल रोटी के सहारे अपना जीवन यापन कर लेते थे किंतु दाल की महंगाई आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बाजार में कोई भी हरी सब्जी 40 रुपये प्रति किलो से कम नही है। ऐसे में दाल के भाव मे छलांग आम लोगों के लिए कोढ़ में खाज बना हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि भाव अधिक होने के चलते खरीददार कम आ रहे है जिससे दाल का व्यवसाय यहां ठीक से नही हो पा रहा है इस संदर्भ में उपभोक्ता विनोद सिंह का कहना है कि दाल व सब्जी दोनों महंगी हो चुकी है ऐसे में रोटी व चावल के साथ रसोई में क्या बने समझ में नही आ रहा है। खरीददार प्रेम जी का कहना है दाल की महंगाई ने रसोई का स्वाद बिगाड़ दिया है। दाल की जमाखोरी के चलते भाव मे उछाल आ गया है सरकार दाल का भाव नियंत्रित करने में बेबस नजर आ रही हैं। उपभोक्ता वीरपाल सिंह बीरू का कहना है कि दाल का भाव सरकार को नियंत्रित करना चहिए जमाखोरो पर एनएसए लगाना ताकि आम लोगों के थाली से दाल गायब ना हो सकें। दाल व्यवसाई अरुण कुमार का कहना है कि दाल की महंगाई के कारण खरीददार आधे से भी कम हो गए हैं। फलस्वरूप दाल का व्यवसाय प्रभावित हो गया है।एक माह के पहले दाल का भाव व आज का भाव- अरहर दाल आज का भाव 110 रुपया एक माह पहले 85 रुपया- चना दाल आज भाव 80 रुपया एक माह पहले का भाव 60 रुपया- मूंग दाल आज का भाव 120 रुपया एक माह पहले का भाव 100 रुपया- मसूर दाल आज का भाव 80 रुपया एक माह पहले का भाव 60 रुपया- उड़द दाल आज 130 रुपया एक माह पहले 100 रुपया.