कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट . पूर्वी लद्दाख में पिछले कई महीनों से चले आ रहे तनाव को देखते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने एक बार फिर भारतीय सेना को आगाह किया है. उन्होंने कहा कि भले ही दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने की कोशिशें जारी हैं इसके बावजूद भारत को एलएसी की स्थिति को हल्के में कभी नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें पड़ोसी मुल्क के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावतने कहा, पिछले कुछ वक्त से जिस तरह से भारतीय सेना ने बॉर्डर पर गड़बड़ी करने वालो को सबक सिखाया है, उसी तरह की प्रतिक्रिया देने की जरूरत है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं यही कहूंगा कि अपनी निगरानी बढ़ाइए और हर वक्त तैयार रहिए. उन्होंने कहा बॉर्डर पर किसी भी चीज को हल्के में लेने की गलती मत करिए. हमें हर समय दुश्मन की हरकत पर नजर रखनी है और किसी भी तरह का दुस्साहस होने पर उसका जवाब देना है. हमने पूर्व में जिस तरह से दुश्मनों को जवाब दिया है भविष्य में भी ऐसा ही करना है.चीन के साथ पिछले कई महीनों से चले आ रहे विवाद पर बोलते हुए जनरल रावत ने कहा, दोनों देश राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर लगातार बात कर रहे हैं. इस मसले को सुलझाने में अभी वक्त लगेगा. हम बॉर्डर पर यथास्थिति हासिल करने में समक्षम हैं क्योंकि अगर हमने ऐसा नहीं किया तो दुश्मन के हौंसले और बढ़ जाएंगे. दोनों देशों को इस बारे में पता है कि यथास्थिति की बहाली क्षेत्र में अमन और शांति के सर्वोत्तम हित में है, जिसके लिए हमारा देश प्रतिबद्ध है.जनरल रावत से जब ये पूछा गया कि क्या चीन सैनिकों के वापसी के मुद्दे पर अपनी बात से मुकर गया है तो उन्होंने कहा इस बात को लेकर दोनों तरफ संदेह का माहौल है. भारत ने भी बॉर्डर पर पहले से कहीं ज्यादा सैनिकों को भेजा है. दोनों तरफ इस बात को लेकर चर्चा है कि आखिर बॉर्डर पर क्या हो रहा है.जनरल रावत ने चीन की बढ़ती सैन्य ताकत से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय सेना को हल्के में लेने की भूल चीन नहीं करेगा. भारतीय सेना अब 1961 वाली नहीं है. भारतीय सेना पहले से अब बहुत ज्यादा शक्तिशाली है. इस सेना से आसानी से पार नहीं पाया जा सकता. उन्होंने कहा, वे जिस चीज के पात्र हैं उसके लिए खड़े होंगे. मुझे लगता है कि इसका उन्हें एहसास है.