दिल्ली -पटना, कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / राष्ट्रीय जनता दल ने जगदानंद सिंह के इस्तीफा को खारिज कर किया , लेकिन जगदानंद सिंह अपने कार्यालय में बैठे पत्रकारों के साथ जो वार्ता कर रहे थे उस समय जो उनका व्यक्तित्व था उसमें कहीं ना कहीं कुछ दिखाने का प्रयास था . जगदानंद सिंह ने उनके इस्तीफे की खबर को ब्रेक करने वाले संस्थान को पागल तक करार दे दिया , और सारी भड़ास मीडिया पर निकाली. मीडिया कर्मियों के द्वारा सवाल पूछे जाने पर सवाल पूछने वाले ही पागल है. लेकिन मीडिया कर्मी भी चुप नहीं रहे लगातार सवाल कर रहे थे. लेकिन जगदानंद सिंह ने उस वक्त भी प्रत्यक्ष तरीके से कुछ नहीं कहा और ज्यादा पूछने पर बोले कि ‘इसका जवाब मेरे पास नहीं है’। उनसे सवाल किया गया कि कहीं उन्होनें तेजप्रताप की वजह से तो इस्तीफा नहीं दिया है? कहीं ऐसा तो नहीं कि तेजप्रताप यादव की कोई बात उन्हें खटक गई है और उन्होनें इतना बड़ा फैसला ले लिया। इसपर उन्होनें कहा कि तेजप्रताप से बात कीजिए। उसकी बात का जवाब हम नहीं देंगे। उसने मुझे चाचा कहा था। चाचा कहने पर हम नाराज क्यों होंगे? जगदानंद सिंह से यह भी पूछा गया कि कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके बारे में भ्रामक खबरें चलाई जा रही हैं? इसपर उन्होनें कहा कि ‘यदि भ्रामक है तो जिसने चलाया उससे सवाल कीजिए’। वहीं अंतिम में उन्होनें मजाकिया लहजे में कहा ‘इतना आसान नहीं है जगदानंद सिंह होना’। जो कि बहुत हद तक सही भी है। पार्टी में जो उनका कद है, लालू यादव का जितना उनपर भरोसा है, वह अबतक कोई और नहीं जीत पाया है