जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 10 जुलाई ::वाणिज्य कर आयुक्त-सह-सचिव के निर्देश में विभाग के विभिन्न टीम के पदाधिकारियों द्वारा पूरे बिहार में एक साथ 50 फर्म का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के क्रम में 49 फर्म फर्जी पाये गये एवं अन्य एक फर्म भी declared Principal place of Business पर नहीं पाया गया। इस तरह के फ़र्म के द्वारा वृहत पैमाने पर लगभग 958 करोड़ का संव्यवहार किया गया था। ऐसे मामलों में न सिर्फ लगभग 171 करोड़ के fake ITC द्वारा कर अपवंचना का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि प्रथम द्रष्टया पाया गया की इनके द्वारा जी0स0टी0 के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, कई फर्म आइ0टी0सी0 फ्रॉड, बोगस बिल ट्रेडिंग में भी संलिप्त है। ऐसे फर्म मुख्य रूप से आइरन स्टील, कोल, काँपर स्क्रेप, बिटूमेन, लेड एवं अन्य क्षेत्र से संबन्धित हैं।आयुक्त-सह-सचिव द्वारा बताया गया कि ऐसे सभी फर्जी फ़र्म द्वारा की जा रही कर अपवंचना की रोकथाम के लिए डाटा एनालिटिक्स एवं ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद से 360 डिग्री प्रोफ़ाइल बनाते हुए विश्लेषण कर पैनी नज़र रखी जा रही है, जिससे राजस्व चोरी में संलिप्त फ़र्म पर कठोर कार्यवाही की जा सके।वाणिज्यकर विभाग के द्वारा की गयी इस तरह की कार्यवाही से न सिर्फ कर अपवंचना में रोकथाम की जा सकेगी बल्कि तमाम ऐसे व्यवसायियों जिनके द्वारा पक्के बिल पर एवं जी0स0टी0 के प्रावधानों का अनुपालन करते हुए व्यवसाय किया जा रहा है, का मनोबल भी बढ़ेगा।अतः विभाग द्वारा उठाया गया ये कदम काफी सराहनीय है।