जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (नयी दिल्ली) , 13 जुलाई ::जीकेसी के सौजन्य से पद्मश्री डॉ मानस बिहारी वर्मा की स्मृति में “कायस्थ विज्ञान सम्मान” का आयोजन 29 जुलाई को किया जायेगा।देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपना नाम रौशन करने वाले महान वैज्ञानिक मानस बिहारी वर्मा का हाल ही में निधन हो गया है। दिवंगत मानस बिहारी वर्मा की स्मृति में जीकेसी ने 29 जुलाई को उनकी जयंती के अवसर पर “कायस्थ विज्ञान सम्मान समारोह” आयोजन करने का निर्णय लिया है।जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के अनुसार “कायस्थ विज्ञान सम्मान” विज्ञान के छात्रों द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों एवं शिक्षा में योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा। इस वर्ष यह सम्मान समारोह प्रसिद्ध वैज्ञानिक, पद्म श्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा को समर्पित होगा, जिन्होंने तेजस लड़ाकू विमान को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह राष्ट्र के लिए गर्व की बात है। सम्मान समारोह के लिए नामांकन (नॉमिनेशन) भेजने की अंतिम तिथि 15 जुलाई है। नामांकन (नॉमिनेशन) फॉर्म लिंक पर सुलभ है।जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि पद्मश्री डा. मानस बिहारी का जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित था। देश के प्रति डॉ. मानस बिहारी वर्मा का योगदान अविस्मरणीय है। देश में जब भी विज्ञान के क्षेत्र में विकास की बात की जायेगी श्री मानस बिहारी वर्मा नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।उनके द्वारा विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्य लोगों के लिये प्रेरणास्रोत है। डॉक्टर मानस बिहारी वर्मा ने 35 वर्षों तक अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में एक वैज्ञानिक के रूप में काम किया। तेजस फाइटर जेट विमान की डिजाइन बनाने की पूरी जिम्मेदारी उन्होंने संभाली थी।शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के वैश्विक अध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा ने बताया कि कायस्थ विज्ञान सम्मान के चयन के लिये प्रतियोगिता 11वीं और 12वीं विज्ञान के छात्रों के लिए होगी।(2) पहले दौर में – छात्र एक सेल्फ इनोवेटिव प्रोजेक्ट जमा करेंगे3. विशिष्ट गूगल फ़ॉर्म पहचान के लिए भेजा जाएगा।(4) राउंड-1 – 2 मिनट का वीडियो या चित्रों के साथ पीडीएफ(5) इसे 15 जुलाई 2021 तक जमा करना होगा।(6) राउंड-II : विज्ञान प्रश्नोत्तरी 24 जुलाई को शाम 7 बजे आयोजित की जाएगी।(7) प्रश्नोत्तरी विषय : 11वीं तक विज्ञान विषय और वैमानिकी।(8) परिणाम 29 जुलाई 2021 को घोषित किए जाएंगे।दीपक कुमार वर्मा ने बताया कि (1) प्रत्येक क्षेत्र (भारत के 5 क्षेत्रों) के 3 छात्रों (कुल छात्र 15 ) को पुरस्कार के लिए अंत में चयन किया जाएगा।(2) प्रथम पुरस्कार: विज्ञान पुस्तकें + किसी प्रतिष्ठित संस्थान से 8 घंटे की तकनीकी शिक्षा + प्रमाण पत्र(3) द्वितीय पुरस्कार : विज्ञान पुस्तकें + प्रमाण पत्र के साथ स्मृति चिन्ह।(4) तीसरा पुरस्कार: स्मृति चिन्ह + प्रमाणपत्र5. सभी प्रतिभागियों को “भागीदारी प्रमाणपत्र” मिलेगा।