सियाराम मिश्रा वाराणसी से ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी आगमन के पूर्व मंगलवार को निरीक्षण दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार श्रीअन्नपूर्णा मठ-मंदिर गए। यहां उन्होंने सबसे पहले मां अन्नपूर्णा के गर्भगृह में मत्था टेका। उसके बाद पारी के अनुसार काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के आचार्यत्व में दो बटुकों ने पूरे विधि-विधान से मां का पूजन-अर्चन कराया। उसके बाद मुख्यमंत्री ने मां अन्नपूर्णा की महाआरती की। उसके बाद वह सीधे मंदिर के सभागार में पहुंचे जहां महंत रामेश्वर पुरी का तैल चित्र रखा हुआ था। उन्होंने सबसे पहले महंत रामेश्वर पुरी के तस्वीर पर गुलाब के फूल का माल्यार्पण किया।उसके वहां रखे दीपक को जलाया। फिर दो मिनट आंख बंद करके मौन धारणकर महंत जी को नमन किया। उसके बाद उन्होंने उपमहंत शंकर पुरी को ढांढस बंधाते हुए सांत्वना दिया। कहा कि हम इस दुःख की घड़ी में आपके साथ है। उन्होंने कहा कि कोई समस्या होने पर निसंकोच हमें अवगत कराएं। उसके बाद उन्होंने चलते-चलते कहा कि आपके बारे में मैं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज से बात करूंगा। सीएम लगभग 25 मिनट तक श्रीअन्नपूर्णा मठ-मंदिर में रहे।सभागार में बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह कहते हुए भावुक हो गए कि अभी हाल ही में तो मुलाकात हुई थी। और अचानक चले गए। स्मरण के दौरान उन्होंने 16 दिसंबर का जिक्र किया। कहा कि महाराज जी अन्नकूट का प्रसाद लेकर लखनऊ आवास पर आए थे। काफी देर तक उनसे बातें हुई पर यह नहीं पता था कि वह मुलाकात शायद आखिर मुलाकात थी। अस्वस्थता के दौरान भी फोन पर हाल-चाल लेने की कोशिश की पर महाराज जी से बात नहीं हुई। उनका सरल स्वभाव सभी को उनका कायल बना देता था। उसके बाद उन्होंने नीलकंठ महादेव के श्रीमहंत सुभाष पुरी जी से नीलकंठ दरबार में आने का वादा किया। इस दौरान मंत्री आशुतोष टंडन, धर्मार्थ मंत्री नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक रविंद्र जायसवाल, विधायक अवधेश सिंह, प्रमोद मिश्र, धीरेंद्र सिंह थे। महंत रामेश्वर पुरी को श्रद्धांजलि देने के पहले मुख्यमंत्री बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार में भी पहुंचे। यहां उन्होंने अर्चक श्रीकांत मिश्र के आचार्यत्व में पूरे विधि-विधान से बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया। इसके बाद बाबा की आरती की।