प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दिन पहले देशवासियों को कह चुके हैं इस महामारी से अब सतर्कता के साथ ही बच सकते हैं.भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर अगले महीने के अंत तक आ सकती है ऐसी संभावना वैज्ञानिकों के द्वारा जताई जा रही है. इसका असर दूसरी लहर के मुकाबले कुछ कम होगा. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में हेड ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज, डॉ समीरन पांडा ने यह अनुमान जताया है. एनडीटीवी से बातचीत में डॉ पांडा ने कहा कि तीसरी लहर देशव्यापी होगी हालांकि इसका यह मतलब नहीं कि यह दूसरी लहर की तरह भयावह और तेजी से फैलने वाली होगी.डॉ पांडा ने तीसरी लहर आने के चार कारकों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि पहला कारण पहली और दूसरी लहर में हासिल की गई इम्युनिटी का कम होना है. उन्होंने कहा कि अगर ये नीचे जाती है तो तीसरी लहर आ सकती है. दूसरा कारक उन्होंने बताया कि अभी तक हासिल की गई इम्युनिटी पर नया वेरिएंट बढ़त बना सकता है. अगर वेरिएंट इम्युनिटी को पार नहीं कर पाता है तो इसकी प्रकृति तेजी से फैलने वाली हो सकती है जिसे उन्होंने तीसरे कारक के रूप में बताया.पांडा ने चौथा कारक राज्यो के जल्दीबाजी में प्रतिबंध हटाने को बताया जिससे कि नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है. यह पूछे जाने पर कि ये वेरिएंट क्या डेल्टा प्लस हो सकता है, उन्होंने कहा कि दोनों ही वेरिएंट डेल्टा और डेल्टा प्लस देश में फैले हुए हैं और उन्हें डेल्टा वेरिएंट से किसी और सार्वजनिक स्वास्थ्य के कहर की उम्मीद नहीं है.इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने वैश्विक साक्ष्य और महामारियों के इतिहास को देखते हुए सोमवार को कहा था कि तीसरी लहर अटल है और यह नजदीक है.आईएमए ने सरकार और लोगों के ढिलाई बरतने तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन किये बगैर बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने को लेकर सोमवार को चिंता प्रकट की. साथ ही, कहा कि ये घटनाएं महामारी की तीसरी लहर का मुख्य कारण बन सकती हैं. आईएमए ने एक बयान में कहा कि पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं, धार्मिक उत्साह जरूरी हैं लेकिन कुछ और महीने इंतजार किया जा सकता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पर्वतीय पर्यटन स्थलों सहित देश के अनेक हिस्सों में कोविड रोधी नियमों का ‘‘खुला उल्लंघन’’ देखा गया है और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देशों निर्देश दिया है.WHO ने भी गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण नए और ज्यादा खतरनाक वेरिएंट के दुनिया भर में फैलने की आशंका है, जिसे रोक पाना और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.