सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट /रेलवे ट्रैक पर पटरी बिछाने के लिए गार्डर लेकर छपरा जा रही मालगाड़ी शनिवार की शाम साढ़े पांच बजे के करीब औड़िहार जंक्शन और सैदपुर स्टेशन के बीच सरीफपुर गांव के पास दो टुकड़ों में बंट गई। तीन घण्टे तक दो बोगियों के बीच टूटे कपलिंग का मरम्मत कार्य चलता रहा। रात करीब आठ बजे के बाद पूरी तरह से कपलिंग की मरम्मत होने के बाद ट्रेन को आगे की ओर बढ़ाया गया तो अधिकारियों ने राहत की सांस ली। इसके बाद ट्रेन के पीछे फंसी ट्रेनों को एक एक कर आगे बढ़ाया गया। इस दौरान दूसरी ट्रेनों को करीबी रेलवे स्टेशनों पर ही सुरक्षा कारणों से रोक दिया गया।रेलवे लाइन के दोहरीकरण के उपयोग में आने वाली रेलवे पटरी के गार्डर को लेकर वाराणसी से छपरा जा रही बारह बोगियों की ट्रेन जैसे ही सरीफपुर नहर के पास पंहुचीं वैसे ही तेज आवाज के साथ पीछे से पांच बोगियों के मध्य कपलिंग टूट गई। प्रेशर रिलीज होते ही ड्राइवर को कपलिंग टूटने का आभास हो गया जिससे धीमी रफ्तार में जा रही ट्रेन रोक दी गई। इसकी वजह से ट्रेन के दोनों टुकड़ों के बीच करीब दस फीट की दूरी बन गई।आनन फानन में रेलवे के अधिकारियों ने वाराणसी से एआरटी टीम को मौके पर बुलाया। रात आठ बजे के बाद तक कपलिंग की पूरी तरह मरम्मत नहींंहो सकी थी। इसके बाद ठीक करके इसे आगे के लिए रवाना किया गया। इस दौरान बीच ट्रैक पर मालगाड़ी के खड़े होने से सारनाथ एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस सहित कई गाड़ियों का आवागमन प्रभावित हो गया। वहीं गाडियों के लेट होने से रूट पर ट्रेनों का संचालन कई घंटों तक बाधित रहा। वहीं लोगों का आवागमन भी प्रभावित रहा। हालांकि रात तक रुट क्लियर होने के बाद रेलवे अधिकारियों ने राहत की सांस ली। वहीं इस बाबत शीर्ष अधिकारियों को भी पल पल की रिपोर्ट से अवगत कराया गया।