पटना / बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष और बिहार के बड़े शिक्षाविद डॉक्टर अनिल सुलभ ने जनसंख्या के कठोर नीति पर कहा की शिक्षा से लोगों में जागरूकता आ रही है। इससे प्रजनन दर में कमी आई है। जनसंख्या नीति पर कठोर कानून की जरूरत नहीं, शिक्षा से जागरूकता फैलाकर भी जन्मदर को रोका जा सकता है. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा जो कानून बनाया गया है. उसमें शिक्षा के साथ जागरूकता फैलाने की जरूरत पर बल देने की आवश्यकता है. बिहार के मुख्यमंत्री ने सही कहा है एकाएक कठोर निर्णय लेकर जनसंख्या कानून समाज के ऊपर थोप देना नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन होगा. समाज में शिक्षा की अलख जगानी होगी. पुरुष के साथ महिलाओं को जागरूक करना होगा. इसी के साथ जनसंख्या नियंत्रण पाई जा सकती है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से डॉक्टर अनिल सुलभ ने अपील किया की विहार में प्राथमिक शिक्षा पर विशेष जोर देने की आवश्यकता है, कोरोना महामारी के दौरान देश के सभी शिक्षा क्षेत्र में गिरावट देखने को मिला है इसको देखते हुए बिहार में प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने की सख्त जरूरत है. शिक्षा मानव का रीड होता है. शिक्षा के बिना मानव जीवन अधूरा है. बिहार में शिक्षा व्यवस्था प्राथमिक स्तर पर बहुत ही कमजोर दिख रही है. मुख्यमंत्री से मैं अपील करता हूं कि इस पर तत्काल इस पर नजर डालने की जरूरत है इसको ठीक करने की जरूरत है. किसी भी व्यक्ति पदाधिकारी को शिक्षा विभाग के शीर्ष पर बैठाने की जरूरत है. हमारे राज्य की शिक्षा व्यवस्था ग्रामीण स्तर पर बहुत कमजोर दिख रही है. सरकार को कागजी रिपोर्ट पर नहीं धरातल पर ध्यान देने की जरूरत है.