सौरव निगम की रिपोर्ट लखनऊ से . पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है. बुधवार को उन्होंने क्रांति रथ से राजधानी लखनऊ से उन्नाव तक का सफर किया. 2011 में भी अखिलेश यादव ने क्रांति रथ से पूरे प्रदेश का भ्रमण कर तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी की सरकार के खिलाफ माहौल खड़ा किया था. इसके अगले साल हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को जबरदस्त कामयाबी मिली थी, और अखिलेश यादव पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे.क्रांति रथ के जरिए 2022 के चुनाव का शंखनाद करने वाले अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग झगड़ा लगाने का काम करते हैं. बीजेपी ने पंचायत चुनाव में नोट का इस्तेमाल किया और ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्षों के पद हथिया लिए. बीजेपी ने सरकारी संस्थाओं को बेच दिया है. बीजेपी की सरकार के रहते नौजवानों में बेकारी बढ़ी, महंगाई बेलगाम हुई. उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल में प्रदेश में एक भी फैक्ट्री नहीं लगी है. इस सरकार ने लोगों को भुखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है. प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार का कोई मतलब नहीं. यहां लोकतंत्र दिखाई नहीं दे रहा है.स्वर्गीय मनोहर लाल की 85वीं जयंती के अवसर पर उन्होंने सरौसी गांव स्थित मनोहर लाल इंटर कालेज में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया. इसके बाद वहां लोगों को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि बीजेपी झूठी पार्टी है, इसे हटाइए. समाजवादी पार्टी इस बार 350 सीटें जीतेगी. एसपी अध्यक्ष ने कहा कि यहां बड़ी रैली होनी थी जिसकी प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. जब कोरोना संक्रमण खत्म होगा तो लाखों की भीड़ वाली रैली होगी.अखिलेश यादव ने कहा कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुत कम समय बचा है. बीजेपी ने जनता को बुरी तरह निराश किया है. उसके वादे सपने बनकर रह गए हैं. अपने संकल्प-पत्र का एक भी वादा पूरा नहीं किया. किसानों की आय दोगुनी करने का वादा था, लेकिन उल्टे किसानों की आय कम कर दी है. नौजवानों को रोजगार नहीं मिला. समाज के सभी वर्गों के लोग बीजेपी सरकार को हटाना चाहते है.पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार की नाकामी सबके सामने है. तीसरी लहर की चर्चा है पर बीजेपी सरकार इसके लिए क्या तैयारियां कर रही है, पता नहीं? बीजेपी झूठ बोलने वाली पार्टी है, वो गुमराह करती है. सरकार ने कोविड संक्रमण के समय जनता को अनाथ छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी कभी मृतकों की संख्या नहीं बताएगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने चार लाख रूपये मुआवजा देने को कहा है. उस समय बीजेपी के लोग कहीं मदद में नहीं दिखाई दिए. केवल समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ही राशन, दवा, ऑक्सीजन की मदद करने में सक्रिय रहे. समाजवादी सरकार ने जो 108 एंबुलेंस चलाई थी वो ही मददगार बनी.