धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /किसी भी लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन नागरिक अधिकार की गारंटी का बुनियादी कसौटी है. अभी संसद का मानसून सत्र चल रहा है. और थोड़ी ही दूरी पर किसानों के द्वारा भी संसद सत्र का आयोजन किया गया.किसान संसद’ की शुरुआत आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देकर हुई। हन्नान मोल्लाह को ‘किसान संसद’ का अध्यक्ष और मंजीत सिंह राय को डिप्टी स्पीकर बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के किसानों को मवाली बताने पर टिकैत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसान मवाली नहीं हैं, देश के अन्नदाता हैं। उनके बारे में ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए।जंतर मंतर पर ‘किसान संसद’ में पहले दिन राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कुल 200 लोग शामिल हुए।किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सांसद किसानों के हक में संसद के भीतर आवाज नहीं उठाते तो चाहे वह किसी भी दल के हों, उनके क्षेत्र में उनका पुरजोर विरोध होगा। मोल्लाह ने कहा कि ‘आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई। इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि ‘किसान संसद’ की बात मानकर कानून खारिज करे।’ किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘‘यह एक अनैतिक सरकार है। हमें अंदेशा है कि हमारे नंबर उन लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनकी जासूसी करायी जा रही है।
दिल्ली डेस्क /तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 8 महीने से जारी संघर्ष जंतर मंतर पर पहुंच गया
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दिल्ली डेस्क /न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या मामले में मध्य प्रदेश में बसपा (बहुजन समाज पार्टी) विधायक के पति को दी गई जमानत को खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को ये अहम टिप्पणियां-भारत में गरीब और अमीर के लिए दो अलग-अलग कानूनी सिस्टम नहीं हो सकते