प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /मोदी सरकार ने राज्यों से कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के चलते जान गंवाने वालों के आंकड़े मांगे हैं. ये आंकड़े 13 अगस्त को खत्म होने जा रहे संसद के मानसून सत्र से पहले सदन में पेश किए जा सकते हैं. बता दें अप्रैल-मई में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों के मामले सामने आए थे. सरकार ने मानसून सत्र की शुरुआत में ही सदन में कहा था कि उसकी जानकारी में देश में ऑक्सीजन की कमी के चलते एक भी मौत नहीं हुई है. सरकार के इस बयान की काफी आलोचना भी हुई थी. केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि देश के कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान किसी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का कोई भी मामला सामने नहीं आया, लेकिन दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई.सरकार के मुताबिक यह मांग पहली लहर में 3095 मीट्रिक टन की तुलना में लगभग 9000 मीट्रिक टन तक पहुंच गई, जिसके बाद केंद्र को राज्यों के बीच समान वितरण की सुविधा के लिए कदम उठाने पड़े. इस सवाल के जवाब में कि क्या दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण सड़कों और अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड -19 मरीजों की मौत हुई, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र को कोरोना मामलों और उनसे हुई मौतों की संख्या को रिपोर्ट करें.