कौशलेन्द्र पाराशर / देश के पास धीरे धीरे लड़ाकू फाइटर जेट राफेल की संख्या बढ़ती जा रही है. लगभग एक सप्ताह पहले भारत के पास राफेल की सातवीं खेप भारत के पास पहुंची जिसमें तीन विमान बेड़े में शामिल हुए. माना जा रहा है कि 2021 की अंत तक फ्रांस भारत को 35 और राफेल दे देगा और इसके बाद 2022 में एक अकेला विमान भारत पहुंचेगा जो बंगाल के हाशिमारा हवाई अड्डे को सक्रीय करेगा. कुल 26 राफेल विमान मिल चुकें हैं जिसमें से 24 देश की धरती पर लैंड कर चुके हैं जबकि दो विमान फ्रांस में इंडियन एयर फोर्स के पायलटों और इंजीनियरों को ट्रेनिंग देने के लिए मौजूद हैं.राफेल की खूबियों के कारण भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना ने इसमें काफी रुचि दिखाई है. माना जा रहा है कि इसके बाद भविष्य में भारत 36 और राफेल को भारतीय बेड़े में शामिल कर सकती है. भारतीय नौ सेना अगले साल से एक्टिव होने वाले स्वेदेशी विमान वाहक आईएनएस विक्रांत पर राफेल-एम को भी विकल्प के तौर पर देख रही है.पश्चिमी और पूर्वी लड़ाकू बेस पर राफेल की तैनाती से भारती की युद्ध क्षमता में कई गुना इजाफा हुआ है. राफेल उप-महाद्वीप में हवा से हवा में मार करने वाली सबसे लंबी दूरी की मेटओर मिसाइल जबकि वहीं हवा से जमीन में टार्गेट बनाने के लिए स्टोर्म शैडो मिसाइल को फिट किया गया है. इसमें लगी हैमर मिसाइल 70 किमी से अधिक उचाई वाले लक्ष्य को बड़ी ही आसानी से भेद सकती है.भारतीय राफेल को अधिक ऊंचाई वाले लक्ष्यों, पहाड़ी इलाकों और चीन द्वारा हाल ही में हासिल की गई रूसी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. अब फ्रांस सरकार ने हैमर और स्टोर्म यानी उल्का मिसाइलों को भारत के साथ मिलकर बनाने की पेशकर की है. इस पेशकश में इन मिसाइलों की रेंज को बढ़ाने और पेलोड की क्षमता को बढ़ाना भी शामिल है. हाशिमारा एयरबेस पर राफेल स्क्वाड्रन के एक्टिव होने पर टिकी है. हाशीमारा पर राफेल की तैनाती भारत के लिए एक बड़ा सुकून देगा.