सियाराम मिश्रा की रिपोर्ट /वित्तीय वर्ष 2021-22 में बरेका निर्मित 100वें रेल इंजन “WAG9HC” राष्ट्र को समर्पित.वित्तीय वर्ष 2021-22 में बरेका निर्मित 100वें रेल इंजन “WAG9HC” राष्ट्र को समर्पित.100वें रेल इंजन को हेल्थकेयर वर्कर्स (कोरोना वारियर्स) द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया.रेका कर्मचारीगण कोविड-19 की द्वितीय लहर से गंभीर रूप से प्रभावित होते हुए भी, लगभग 25 प्रतिशत कर्मचारी कोविड पोजेटिव थे, सभी गतिविधि 50 प्रतिशत कर्मचारी क्षमता द्वारा की गयी । यह 100वें रेलइंजन – 6000 अश्व शक्ति का मालवाहक विद्युत लोको 6000 टन की मालगाड़ी को अकेले खींच सकता है । रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम की वजह से 15 से 20 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होगी । यह रेलइंजन पूर्व रेलवे के आसनसोल विद्युत लोको शेड को भेजा गया ।महाप्रबन्धक सुश्री अंजली गोयल की गरिमामयी उपस्थिति में आज दिनांक 31 जुलाई 2021 को न्यू लोको टेस्ट शॉप में आयोजित एक सादे समारोह में आकर्षक रंग संयोजन एवं पुष्प से सुसज्जित वित्तीय वर्ष 2021-22 में निर्मित 100वें रेल इंजन “WAG9HC” का आज हेल्थकेयर वर्कर्स (कोरोना वारियर्स) द्वारा विधिवत् पूजन के साथ हरी झण्डी दिखाकर राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया गया ।इस अवसर पर महाप्रबन्धक महोदया ने कोविड-19 के खिलाफ अथक लड़ाई में हेल्थकेयर वर्कर्स (कोरोना वारियर्स) के योगदान के लिए 100वें रेलइंजन को मेडिकल टीम को समर्पित किया । साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उत्पादन जारी रखने के लिए बरेका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रयासों की भी सराहना की । यह उपलब्धि और भी प्रशंसनीय है, क्योंकि बरेका कर्मचारीगण कोविड-19 की द्वितीय लहर से गंभीर रूप से प्रभावित होते हुए भी, लगभग 25 प्रतिशत कर्मचारी कोविड पोजेटिव थे, सभी गतिविधि 50 प्रतिशत कर्मचारी क्षमता द्वारा की गयी थी ।उल्लेखनीय है कि यह 100वें रेलइंजन – 6000 अश्व शक्ति का मालवाहक विद्युत लोको 6000 टन की मालगाड़ी को अकेले खींच सकता है । इसमें रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम की वजह से 15 से 20 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होगी । इसकी अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा है । इसमें चालक की सुविधा के लिए चालक कक्ष को पूर्णतया वातानुकूलित बनाया गया है । यह रेलइंजन पूर्व रेलवे के आसनसोल विद्युत लोको शेड को भेजा गया ।माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत मिशन में इन इंजनों के निर्माण में लगभग 98% स्वदेशी उपकरणों का प्रयोग हुआ है। इससे एमएसएमई और घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को काफी सहायता मिल रही है ।