प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /देश में कोरोना वायरस ऐसे में अब विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर के आने की भी आशंका जता चुके हैं. इस बीच इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च का कहना है कि देश के जिन जिलों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने कहर बरपाया है, उन जिलों में तीसरी लहर के दौरान उतना कहर नहीं बरपेगा. यह तीसरी लहर उन जिलों में कम घातक होगी.आईसीएमआर ने राज्यों से कोरोना की तीसरी लहर के संबंध में जिला स्तर पर तैयारियां करने और स्थानीय डाटा के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी कदम उठाने की योजना बनाने को कहा है. आईसीएमआर के एपिडिमियोलॉजी एंड कम्यूनिकेबल डिसीज डिविजन के हेड और वरिष्ठ एपिडिमियोलॉजिस्ट समिरन पांडा का कहना है कि महराष्ट्र जैसे राज्यों को जिला स्तर पर विविधता पर ध्यान देना होगा.उनका कहना है कि पूरे राज्य में एक कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की बात करना मददगार नहीं होगा, क्योंकि सभी जिलों में एकसमान रूप से कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी. हमें जिला स्तर पर संक्रमण नियंत्रण और उसके प्रबंधन का कार्य करने की जरूरत है.समिरन पांडा ने यह भी कहा कि इसका मतलब यह भी है कि जिन जिलों में दूसरी लहर के दौरान कहर नहीं दिखा उन जिलों में अधिक लोग अतिसंवेदनशील होंगे. ऐसे में इन अतिसंवेदनशील लोगों के समूहों के बीच टीकाकरण को बढ़ाया जाना चाहिए. महाराष्ट्र के राज्य टास्क फोर्स के सदस्य ने जिला स्तर पर सीरो सर्वे करने को कहा है. इसमें उन जगहों के लोगों पर अधिक ध्यान होगा, जहां कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव कम था. वहीं केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे आईसीएमआर के परामर्श से सीरो सर्वेक्षण करें ताकि स्थानीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को तैयार करने में आवश्यक सीरोप्रीवैलेंस पर जिला-स्तरीय आंकड़ा तैयार किया जा सके.