जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना (बक्सवाहा), 08 अगस्त ::बक्सवाहा के जंगल को बचाने के अभियान में पर्यावरण लेडी आफ बिहार के रूप में चर्चित हो रही पर्यावरण योद्धा डॉक्टर नम्रता आनंद पटना से छतरपुर (बक्सवाहा) पहुंची। बक्सवाहा पहुँच कर डॉक्टर नम्रता आनंद ने देश भर से आये पर्यावरण प्रेमियों से मुलाकात कर चल रहे आंदोलन की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की।हीरे की खान के लिए बक्सवाहा के बड़े जंगल को काटने की साजिश चल रही है। इस साजिश के तहत लगभग ढाई लाख पुराने पेड़ काटे जाने की योजना सरकार की है, लेकिन पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इतने बड़े जंगल को काटना पर्यावरण के हित में नहीं है। जंगल कटने से जैव विविधता नष्ट होगी और मध्य प्रदेश सहित पूरे देश का पर्यावरण प्रभावित होगा।डॉक्टर नम्रता आनंद ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि हमें हीरे नहीं हरियाली चाहिए। कोरोना की दूसरी लहर में सभी लोगों ने महसूस किया है कि हीरे से ज्यादा कीमती सबों के लिए हरियाली है, इसलिए हर हाल में जंगल को काटे जाने से रोकना होगा और देश भर के पर्यावरण योद्धाओं को बक्सवाहा जीतना होगा।डॉ नम्रता ने कहा बक्सवाहा जीतने के अतिरिक्त पर्यावरण प्रेमियों के लिए कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है।पहले से बक्सवाहा पहुँचे पीपल नीम तुलसी अभियान के प्रणेता डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि बक्सवाहा के छतरपुर स्थित इस जंगल को सिर्फ आमदनी के लिए सरकार कटवाना चाहती है।अगर सरकार आमदनी ही चाहती है तो इसे पिकनिक स्पॉट, टुरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित कर नियमित आमदनी का श्रोत बना सकती है। सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने और बक्सवाहा को बचाने की जरूरत है।पटना से बक्सवाहा पहुँचने के बाद दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डॉक्टर नम्रता आनंद ने डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार सहित देश भर से आए कई पर्यावरण योद्धाओं से मुलाकात की और बक्सवाहा आंदोलन की नीति रणनीति तय करने के लिए विमर्श किया।