पटना, १२ अगस्त। देश की गौरवशाली संस्थाओं में से एक बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर एक बार फिर से डा अनिल सुलभ को प्रतिष्ठित किया गया है। आज तीसरे पहर तीन बजे, सम्मेलन के निर्वाचन पदाधिकारी और पटना उच्च न्यायालय के विद्वान अधिवक्ता पण्डित जी पाण्डेय ने डा सुलभ को निर्विरोध निर्वाचित घोषित करते हुए, उन्हें निर्वाचन का प्रमाण-पत्र प्रदान किया।इसके पूर्व पूर्वाहन ११-३० बजे से ही, निर्वाचन अधिकारी ने अपने दो अन्य सहायक निर्वाचन पदाधिकारियों विद्वान अधिवक्ताओं धनेंद्र चौबे और राधा रमण के साथ, विगत ७, ८ और ९ अगस्त को समर्पित किए गए नामांकन-प्रपत्रों की गहन जाँच की। इस अवसर पर अध्यक्ष पद के दोनों प्रत्याशी डा अनिल सुलभ और कृष्ण मुरारी समेत ५० से अधिक निर्वाचक सदस्य उपस्थित थे। नामांकन-प्रपत्रों की जाँच में श्री कृष्ण मुरारी का नामांकन अनेक कारणों से अवैध पाया गया। श्री मुरारी ने नामांकन-प्रपत्र के संबंध में और अपने प्रस्तावकों की अनुपस्थिति के संबंध में जो सूचनाएँ दी थी, वह सत्य सिद्ध नही हो सकी। उन्होंने गत ९ अगस्त को अपना नामांकन प्रपत्र निर्वाचन अधिकारी को समर्पित किया था, किंतु उनके साथ कोई भी प्रस्तावक उपस्थित नहीं था, जिसे उन्होंने लिखित रूप से स्वीकार भी किया था।नामांकन-प्रपत्रों की जाँच के क्रम में भी उन्होंने, डा सुलभ के नामांकन को नियम विरुद्ध बताने की चेष्टा की, किंतु इसके पक्ष में भी उन्होंने कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। तीन घंटे तक चले अविराम निरीक्षण और जाँच के पश्चात निर्वाचन पदाधिकारी ने श्री मुरारी के नामांकन को अस्वीकृत कर दिया। निर्वाचन की घोषणा करने से पूर्व उन्होंने एकल वैध प्रत्याशी डा अनिल सुलभ से पूछा कि क्या वे अपना नाम वापस लेना तो नहीं चाहते हैं। वहाँ उपस्थित सारे लोगों ने एक स्वर से डा सुलभ से नाम वापस न लेने का आग्रह किया। डा सुलभ के द्वारा यह कहने पर कि वे प्रत्याशी हैं और अपना नाम वापस लेना नहीं चाहते, निर्वाचन पदाधिकारी ने सम्मेलन की नियमावली के प्रावधानों के आलोक में आज १२ अगस्त, २०२१ से अगले पाँच वर्षों के लिए, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की।डा सुलभ के निर्वाचित होने की घोषणा का हर्ष ध्वनि के साथ स्वागत किया गया तथा उन्हें बधाई देने का सिलसिला घंटे भर तक चलता रहा। सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय, उपाध्यक्ष डा शंकर प्रसाद, डा मधु वर्मा, डा कल्याणी कुसुम सिंह, डा भूपेन्द्र कलसी तथा कुमार अनुपम ने उन्हें विजय की पगड़ी पहनाई और लड्डू खिलाकर बधाइयाँ दी। बधाई देने वालों में प्रो बासुकी नाथ झा, कृष्ण रंजन सिंह, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, ओम् प्रकाश पाण्डेय ‘प्रकाश’, सुनील कुमार दूबे, डा अमरनाथ प्रसाद, डा दिनेश दिवाकर, डा पुष्पा जमुआर, बच्चा ठाकुर, पूनम आनंद, आनंद किशोर मिश्र, आराधना प्रसाद, डा अर्चना त्रिपाठी, अम्बरीष कांत, सागरिका राय, विभा रानी श्रीवास्तव, पं गणेश झा, जय प्रकाश पुजारी, राजेश भट्ट, डा विनय कुमार विष्णुपुरी, प्रेमलता सिंह, राज किशोर झा, अर्जुन प्रसाद सिंह, डा पंकज पांडे, नूतन सिन्हा, संजय शुक्ल, उमा शंकर सिंह, द्विवेदी सुरेंद्र, रोहित कुमार सिंह, अभिषेक कुमार, रंजन कुमार, अमित कुमार सिंह आदि के नाम सम्मिलित हैं। नामांकन करनेवाले दूसरे प्रत्याशी कृष्ण मुरारी ने भी माला पहनाकर डा सुलभ को बधाई दी।इस अवसर पर स्मृति-स्वरूप डा सुलभ ने सम्मेलन-परिसर में दो गुलाब और एक आँवला के वृक्ष भी लगाए।