धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर कई घोषणाएं की. इसी क्रम में उन्होंने आज लाल किले की प्राचीर से नेशनल हाइड्रोजन मिशन की भी घोषणा की है. मिशन के तहत भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में ग्लोबल हब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले भी ग्रीन एनर्जी को भविष्य का ईंधन करार दे चुके हैं. उनका मानना है कि ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने से भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी मदद मिलेगी.कच्चे तेल के आयात पर कैसे घटेगी निर्भरता,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को लंबी छलांग लगाने में ग्रीन हाइड्रोजन का क्षेत्र बड़ी मदद करेगा. इससे भारत की पेट्रोल और डीजल की मांग घटने पर कच्चे तेल के आयात पर निर्भर कम होगी. यही नहीं, ग्रीन हाइड्रोजन का ईंधन के तौर पर इस्तेमाल बढ़ने से प्रदूषण पर भी अंकुश लगेगा. साथ ही हाइड्रोजन गैस को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस में मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकेगा. पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आज तिरंगे की साक्षी में नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा कर रहा हूं.भारत में अभी दो टेक्नोलॉजी की मदद से हाइड्रोजन गैस बनाई जाती है. पहली पानी का इलेक्ट्रोलिसिस किया जाता है और हाइड्रोजन को अलग कर लिया जाता है. आसान शब्दों में समझें तो पानी की मदद से हाइड्रोजन बनाई जाएगी और उससे कार चल सकेगी. हालांकि, इससे सिर्फ हाइड्रोजन गैस से चलने वाली कारों को ही ईंधन मिलेगा. दूसरी टेक्नोलॉजी के तहत नेचुरल गैस को हाइड्रोजन और कार्बन में तोड़ लिया जाता है. फिर हाइड्रोजन का इस्तेमाल ईंधन की तरह किया जा सकता है. वहीं, अलग हुए कार्बन से स्पेस, एयरोस्पेस, ऑटो, पानी के जहाज और इलेक्ट्रॉनिक आइटम बनाए जा सकते हैं. भारतीय रेलवे ने नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के तहत हाइड्रोजन फ्यूल सेल का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. बता दें कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित टेक्नोलॉजी के लिए बोलियां भी आमंत्रित की गई हैं. यह तकनीक उत्तरी रेलवे के सोनीपत-जिंद सेक्शन में डेमू ट्रेन पर लागू की जाएगी.