कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों से कहा कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान से सभी भारतीयों की सुरक्षित निकासी के सभी आवश्यक प्रबंध करें. वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा ‘ भारत को न केवल अपने नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए, बल्कि हमें उन सिखों और हिंदू अल्पसंख्यकों को भी शरण देनी चाहिए जो भारत आना चाहते हैं. इसके साथ ही हमें उन अफगान भाई-बहनों की मदद करना चाहिए जो सहायता मांगने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं. बैठक में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं. देश से बाहर होने के कारण इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर उपस्थित नहीं हो सके. बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहें. इसमें प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, एनएसए अजीत डोभाल, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अफगानिस्तान में भारत के राजदूत रुद्रेंद्र टंडन भी शामिल हुए. भी मौजूद थे. राजदूत टंडन, काबुल से निकासी उड़ान से भारत लौटे जो मंगलवार सुबह जामनगर में उतरी.सरकार के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति को अफगानिस्तान के वर्तमान हालात, सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति के बारे में अहम जानकारी दी गई. समिति को भारतीय दूतावास के अधिकारियों, भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों और भारतीय मीडियाकर्मियों की निकासी के बारे में भी बताया गया.तालिबान ने रविवार को काबुल में प्रवेश करने के बाद राष्ट्रपति भवन का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था. सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार बारीकी सेअफ़ग़ानिस्तान में सभी घटनाक्रमों की निगरानी कर रही है. यह अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों के बचाव और सुरक्षा के लिए समय-समय पर सलाह जारी करता रहा है, जिसमें उनकी तत्काल भारत वापसी का आह्वान भी शामिल है.