कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट -राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव पूरे फॉर्म में हैं. तेजस्वी यादव ने कहा प्रदेश अध्यक्ष जगदा बाबू हैं और निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं , मीडिया कर्मियों से कहा पार्टी सुप्रीमो और मैं ही हूं जो होगा उसको हम समझ लेंगे. जो होगा उसको देख लेंगे.राजद में बुधवार की शाम को जो कुछ हुआ उससे ये तो बिल्कुल साफ हो गया कि पार्टी में अब तेज प्रताप की हैसियत एक सामान्य विधायक की रह गई है। तेजप्रताप पार्टी की छात्र इकाई के सर्वेसर्वा थे। उन्हें ये जिम्मेवारी खुद उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने सौंपी थी। वह भी तब जब लालू ने तेजस्वी यादव को अपना वारिस घोषित कर रहे थे। लालू यादव ने उस दौर में तेजप्रताप को समझाया था कि वह कृष्ण की तरह तेजस्वी को अर्जुन बनाकर उन्हें जीत दिलाये। पार्टी में तेजप्रताप का रूतबा बरकरार रहे इसलिए छात्र राजद की पूरी जिम्मेदारी उन्हें सौंप दिया गया था।तेज प्रताप के कारनामे के कारण तेजस्वी यादव मन मसोस कर रह जाते थे. लेकिन जब सर से पानी ऊपर गया उन्होंने पार्टी की कमान और निर्णय अपने हाथों में ले लिया. लिहाजा पिछले पांच-छह सालों से छात्र राजद में तेजस्वी ने भी कभी हक्षतेप नहीं किया। तेजप्रताप ही छात्र राजद का सब काम देखते थे, अध्यक्ष बनाते थे, जब मर्जी तब कार्यक्रम-सम्मेलन करते थे। लेकिन बुधवार की शाम उनका ये अधिकार एक झटके में खत्म कर दिया गया। रूठने के बाद मनाये गये जगदानंद सिंह जब राबड़ी आवास से पार्टी ऑफिस पहुंचे तो मीडियाकर्मियों को एक चिट्ठी पकड़ा दिया। जिसमें लिखा था-अब छात्र राजद के अध्यक्ष गगन कुमार होंगे। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि जो आकाश कुमार अब तक खुद को छात्र राजद का अध्यक्ष बता कर होर्डिंग बैनर लगा रहे थे, सभा मीटिंग कर रहे थे उन्हें जगदानंद सिंह ने एक झटके में ही उन्हें स्वयंभू अध्यक्ष करार दिया। जगदानंद सिंह ने कहा कि उन्होंने जब किसी को छात्र राजद का अध्यक्ष बनाया ही नहीं था तो सिर्फ होर्डिंग-बैनर लगाने से कोई अध्यक्ष थोड़े बन जाता.जगदानंद सिंह बहुत ही शख्स दिखे. तेजस्वी यादव ने भी साफ कहा प्रदेश चलाने की जिम्मेवारी जगदा बाबू की है, मैं हस्तक्षेप नहीं कर सकता.