प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /सेना एक मेगा इन्फैंट्री आधुनिकीकरण कार्यक्रम लागू कर रही है, जिसके तहत बड़ी संख्या में लाइट मशीन गन, बैटल कार्बाइन और असॉल्ट राइफलों की खरीद की जा रही है ताकि पुराने हथियारों को बदला जा सके. इससे जुड़े एक व्यक्ति ने बताया, AK-103 श्रृंखला की असॉल्ट राइफलों की सीधी खरीद के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया गया है. हालांकि, उन्होंने राइफलों की संख्या और कितने में यह समझौता हुआ है इसकी जानकारी नहीं दी है. इस समझौते के बारे में अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.उन्होंने बताया कि राइफलों की तत्काल खरीद, तीनों सेनाओं को दी गई आपातकालीन आर्थिक शक्तियों के तहत की जा रही है. अक्टूबर 2017 में भारतीय सेना ने सात लाख राइफल, 44 हजार हल्की मशीनगन तथा करीब 44,600 कार्बाइन खरीदने की प्रक्रिया की शुरुआत की थी. इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं द्वारा प्रस्तावित खरीद के प्रासंगिक विवरण उनके अपने या रक्षा मंत्रालय के वेबसाइट पर डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.भारत ने साल 2019 में रूस के साथ अमेठी में ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड यानि ओएफबी के कोरबा प्लांट में साढ़े सात लाख (7.50 लाख) AK-203 राइफल बनाने का करार किया था. उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मौजूदगी में इस प्लांट का उद्घाटन किया था. हालांकि अभी तक इस प्लांट में अभी तक राइफल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है. यही कारण है कि रक्षा मंत्रालय का 70 हजार राइफल सीधे रूस से खरीदनी पड़ी है. रूस से आने वाली AK-103 राइफल भारत की इंसास राइफल्स की जगह लेंगी.