कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / देश के सबसे कमजोर गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती को मिला करारा जवाब, बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कश्मीर के तरफ अगर किसी ने आंख भी दिखाया, चाहे तुम्हारा बाप तालिबान ही क्यों ना हो उस को जड़ से उखाड़ सकेंगे. मोदी की सरकार है, महबूबा को लगता है अभी भी उसके पिताजी की तरह ही देश में गृह मंत्री हैं. महबूबा को याद होना चाहिए कि देश के गृह मंत्री अमित शाह है.महबूबा मुफ्ती अभी भी नहीं मान रही है देश विरोधी बयान देने से.शनिवार को उन्होंने एक सभा को संबोधित हुए केंद्र को चेतावनी दी और कहा कि अभी भी अपनी गलती को सुधार लोग और जम्मू कश्मीर से जो गैरकानूनी तरीके से लूटा है उसे वापस लौटाओ. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अटल बिहारी वाजपेयी ने यहां आकर बातचीत की थी उसी तरह यहां के लोगों से और पड़ोस के लोगों से आकर बात करें. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अभी तो जम्मू कश्मीर के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं लेकिन जिस वक्त यह बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा आप भी नहीं रहोगे. आप पूरी तरह से मिट जाओगे. उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि मैं बार बार कहती हूं कि सुधर जाओ संभल जाओ. पड़ोस में देखो क्या हो रहा है अमेरिका जैसी ताकत को बोरिया बिस्तर बांध कर जाना पड़ा.पीडीपी अध्यक्ष के इस बयान पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कल पीएम मोदी ने कहा था कि सहिष्णुता हमारी संस्कृति और परंपरा है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस हमारा संकल्प है। उस संकल्प के साथ, भारत और उसके लोग आगे बढ़ रहे हैं। इस तरह के बयान देने वालों के कुछ द्वेषपूर्ण इरादे हैं.महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि जो संस्थाएं हमारे अधिकारों की रक्षा करने और भारत की भावना ओर संविधान को बनाए रखने के लिए थीं उनका आज तालिबानीकरण कर दिया गया. इसके साथ ही उन्होंने मीडिया का तालिबानीकरण करने का भी आरोप लगाया.राष्ट्रीय एजेंसी का इस्तेमाल हथियार के रूप में,जब उनसे ईडी द्वारा पूछताछ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सब सोची समझी रणमीति के तहत है. मैंने परिसीमन आयोग से मिलने से मना कर दिया तो मुझे समन भेज दिया गया मैंने 5 अगस्त को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया तो मुझे समन भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि एनआईए और ईडी जैसी राष्ट्रीय एजेंसियां गंभीर कामों के लिए होती हैं, लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि इनका प्रयोग आज हथियारों के रूप में किया जा रहा है.