सब एडिटर -प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट / उत्तर बिहार में बाढ़ का संकट एक बार फिर से गहरा गया है। नेपाल के तराई और गंडक के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश के कारण गंडक नदी के जल स्तर में भारी इजाफा हुआ है। वाल्मीकि नगर बराज से डिस्चार्ज होने वाले पानी का स्टार चार लाख क्यूसेक को पार कर गया है। जल संसाधन विभाग ने अभियंताओ को अलर्ट पर रखा हुआ है।नेपाल के तराई क्षेत्र में बुधवार से ही हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंडक बराज के जल स्तर में बढ़ोतरी होने लगी है। जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं। वराज के अधिकारियों व कर्मियों को अलर्ट किया गया है। गुरुवार की दोपहर 2 बजे गंडक बराज से 2,07,000 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज नदी में किया गया था जो अब बढ़कर 4 लाख 4 हजार क्यूसेक को पार कर गया है। बताते चलें कि गंडक के तटवर्ती क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई है। इससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा एकबार फिर बढ़ चला है। कार्यपालक अभियंता जमील अहमद ने बताया कि बारिश के कारण गंडक के जलस्तर में वृद्धि हुई है। गंडक बराज के सभी फाटकों की निगरानी बढ़ा दी गई है।पश्चिम चंपारण जिले में गुरुवार की सुबह से हल्की से लेकर मध्यम बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में जिले में 28.5 एमएम बारिश हुई है। जबकि अगस्त माह में जिले में 106.5 एमएम बारिश हुई है। इधर जिले में बुधवार की रात्रि में भी हल्की बारिश हुई। कई प्रखंड क्षेत्रों में पूर्व में ही बाढ़ के कारण धान का फसल प्रभावित हुआ। कई लोगों के धान का बिचड़ा खेतों में सड़ गल कर बर्बाद हो गया। अब फिर से लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। शुक्रवार को जिले में 90 फीसदी बादल छाए रहने की संभावना है। जबकि शनिवार को 60 फीसदी तथा रविवार को 90 फीसदी बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग के अनुसार अगले बुधवार से बारिश से राहत मिलने की संभावना है। लेकिन नेपाल में हो रही भारी बारिश ने बाढ़ संकट को गहरा दिया है।

Scores of onlookers gather at the Narayani Bridge to look at the swollen Narayani River in Chitwan district, on Wednesday, July 27, 2016. Photo: RSS