कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के युवाओं को ध्यान में रखते हुए ‘बापू टावर’ के प्रदर्शन डिजाइन के प्रारंभिक परिकल्पना के संबंध में बैठक किया। ‘बापू टावर’ के निर्माण से आने वाली पीढ़ी को बापू के विचारों को समझने में सहूलियत होगी। बिहार बापू के जीवन में विशेष स्थान रखता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू टावर के निर्माण से हमारा उद्देश्य है कि आनेवाली पीढ़ी को बापू के विचारों को समझने में सहूलियत हो। दस से 15 प्रतिशत लोग भी अगर बापू के विचारों को अपना लें तो देश और समाज बदल जाएगा। बापू ने सात सामाजिक पाप- सिद्घांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन अर्जन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान एवं त्याग के बिना पूजा की चर्चा की है। पर्यावरण संरक्षण पर बापू ने कहा था कि पृथ्वी हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है, लालच को नहीं। बापू के इन विचारों को विशेष तौर पर बापू टावर में प्रदर्शित करें। बापू के विचारों को अपनाकर हमलोगों ने महिला उत्थान, शराबबंदी के साथ-साथ बिहार भ्रमण के दौरान गांधी जी पर यहां की स्थिति का विशेष प्रभाव पड़ा और उनके विचारों से यहां के लोग काफी प्रभावित हुए। बापू के चंपारण आगमन के 30 वर्ष के अंदर ही देश को आजादी मिल गई। इससे जुड़े इन सभी स्थानों को प्रमुखता से प्रदर्शित की जाये। दस अप्रैल 2017 को गांधी जी के चंपारण आगमन के 100 साल पूरे होने पर ज्ञान भवन में दो दिनों का राष्ट्रीय विमर्श का आयोजन किया गया, जिसमें चिंतक, विचारक, बुद्घिजीवी, राजनेता, युवा शामिल हुए और विमर्श के आधार पर एक दस्तावेज तैयार किया गया। देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को भी हमलोगों ने सम्मानित किया था।