सारण से प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट /परसा एवं दरियापुर में जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई। परसा बाजार के स्वराज आश्रम में पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र व स्थानीय विधायक चंद्रिका राय ने कहा कि दारोगा बाबू जाति के नही बल्कि जमात के नेता थे। समाजिक न्याय के सच्चे प्रहरी के रूप में एक महापुरुष थे.
उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन समाज के प्रति समर्पित करते हुए एक नई दिशा दिखाकर सोच को बदलने के लिए लोगों को प्रेरित किया।उन्होंने अर्थशास्त्र में उच्च शिक्षा प्राप्त की थी । उच्च शिक्षा एवं बौद्धिक चेतना का उपयोग उन्होंने राजनीति में खूब किया था । उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भाग लिया था। इस क्रम में वे कई बार जेल भी गए थे। देश के आजादी के बाद उन्होंने अपनी राजनीति डिस्ट्रिक्ट बोर्ड से शुरू की थी। वह 1952 से 1978 तक के लगातार परसा विधानसभा से चुनाव जीतते रहे।16 फरवरी 1970 को बिहार के मुख्यमंत्री बने मुख्यमंत्री के रूप में उनके कई निर्णय ऐतिहासिक रहे बिहार का प्रसिद्ध गांधी सेतु की योजना उनके मुख्यमंत्री के समय में बनी थी । जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गांधी सेतु का उद्घाटन करने आई तो दरोगा बाबू को अपने साथ रखी थी। उनकी सोच समाज के पिछड़े दलित कमजोर वर्गों को राष्ट्र के विकास के मुख्य धारा में लाने की थी । सामाजिक न्याय के पक्षधर थे दरोगा प्रसाद राय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के राजनीतिक गुरु कहे जाते हैं। आधुनिक बिहार के निर्माण में जिन लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है उनमें दरोगा प्रसाद राय का नाम अविस्मरणीय है। हम लोगों को उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सीख लेनी चाहिए.
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