कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों के कारण गहरी चिंता जताई. अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा क्या उसने कभी इन चैनलों के खिलाफ नियमन की कोशिश की है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमन, सूर्यकांत और बोपन्ना की पीठ ने फर्जी खबरों के प्रसारण पर याचिकाओं की सुनवाई की. बिना किसी जवाबदेही के वेब पोर्टल पर सामग्री परोसी जा रही है. वे अनाप-शनाप खबरें प्रसारित करते हैं. इस संस्थाओं के खिलाफ बहुत बुरा लिखते हैं. आम आदमी की बात तो छोड़ दी जाए न्यायाधीशों को भी नहीं छोड़ते. ऐसे मीडिया संस्थान शक्तिशाली लोगों की आवाज को ही सुनते हैं.