कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट अन्य समाचार पत्र के आधार पर / मुकेश अंबानी के घर के बाहर बम वाले केस में रोज 1-1 परत खुलता जा रहा है. एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की है उसमें निम्नलिखित बात देख सकते हैं. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की तरफ से दायर चार्जशीट में बताया गया है कि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को हिरन की हत्या का काम सौंपा गया था. इसके लिए निलंबित और मामले के मुख्य साजिशकर्ता कहे जा रहे सचिन वाजे की तरफ से शर्मा को ‘मोटी रकम’ भी दी गई थी. शर्मा ने संतोष शेलार के लिए जरिए इस वारदात को अंजाम दिया था.यह काम प्रदीप शर्मा (A-10) को सौंपा गया था. आगे कहा गया कि साजिश में आरोपी प्रदीप शर्मा ने आरोपी संतोश शेलार से संपर्क किया था और पूछा था कि क्या वह पैसों के बदले हत्या कर सकता है. ‘आरोपी शेलार इसके लिए हामी भर दी थी.’ हिरन की हत्या से पहले 2 मार्च को वाजे ने हिरन के साथ मीटिंग की थी. इस दौरान उसके साथ दो अन्य पुलिसकर्मी सुनील माने और प्रदीप शर्मा भी मौजूद थे. चार्जशीट के मुताबिक, वाजे इन दोनों को साथ इसलिए ले गया.यह सामने आया है कि गाड़ी हिरन के पास थी और वाजे ने इसे उधार लिया था, लेकिन घटना के कुछ हफ्तों पहले ही लौटा दिया था. कुछ समय बाद ही मामले में वाजे के शामिल होने और विस्फोटक लगाने को लेकर सवाल उठने लगे थे. इसके बाद हिरन गुम हो गया और उसकी मौत हो गई. रकम मिलने के बाद शर्मा ने शेलार को फोन किया और लाल टवेरा वाहन की जानकारी हासिल की. इसी वाहन का इस्तेमाल हिरन की हत्या और लाश को ठिकाने लगाने के लिए किया जाना था. आरोप पत्र में बताया गया कि जैसा वाजे और माने के बीच तय हुआ था, 4 मार्च को माने ने हिरन को क्रिकेट बुकी नरेश गोट से मिली फर्जी सिम के जरिए मलाड का पुलिसकर्मी बनकर कॉल किया था. वाजे ने पहले ही हिरन को गिरफ्तारी और खासतौर महाराष्ट्र एटीएस की पूछताछ से बचने के लिए ‘सुरक्षित ठिकाने’ पर जाने के लिए कह दिया था. इसपर हिरन तैार हो गया और पुलिस अधिकारी से ठाणे के घोड़बंदर रोड पर सूरज वॉटर पार्क के पास मुलाकात की. माने ने हिरन को साथ लिया और उसे शेलार तक पहुंचा दिया. शेलार पहले ही टवेरा में मनीष सोनी, सतीश मोतुकारी और आनंद जाधव के साथ इंतजार कर रहा था. चारों ने गाड़ी में हिरन को मारा और शव को नाले में फेंक दिया. एनआईए ने दोनों मामलों की जांच अपने हाथ में ली और खुलासा किया कि यह सब वाजे का काम है. वाजे ने यह सब पुलिस ख़त्म इज्जत दोबारा हासिल करने के लिए किया. एनआईए ने बाद में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट शर्मा और टवेरा में मौजूद चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया.