सियाराम मिश्रा लखनऊ से ।भारतेंदु जयंती के अवसर पर भारतेंदु नाट्य अकैडमी परिसर में भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की आदम कद प्रतिमा का अनावरण माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा किया गया । भारतेन्दु नाट्य अकेडमी का निर्माण बरसों पहले किया गया था लेकिन इस परिसर में भारतेंदु बाबू की प्रतिमा नहीं थी । मा.मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में यह प्रतिमा संस्कृति विभाग द्वारा लगाया गया ।
अत्यंत गौरव की अनुभूति हुई ।छात्र जीवन के उच्च शिक्षा ग्रहण का कार्य श्री हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय वाराणसी में प्रारंभ किया ।वहां से बीएससी, B.Ed एवं विधि की परीक्षा पास की, साथ ही साथ खेलकूद, एनसीसी के कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहा। यहां तक की एनसीसी में सीनियर अंडर ऑफिसर का पद भी प्राप्त हुआ। छात्र राजनीति भी इसी महाविद्यालय से प्रारंभ किया। बारंबार विभिन्न कार्यक्रमों में भारतेंदु हरिश्चंद्र जी के बारे में व्याख्यान सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। गुरुजनों से उनकी विशेषता के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। आधुनिक हिंदी खड़ी बोली के भारतेन्दु जी के पितामह स्वरूप की भी इसी विद्यालय में अध्ययन के दौरान ज्ञान प्राप्त हुआ। एक और भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। जब मैं बीएससी में था उसी समय भारतेंदु बाबू द्वारा लिखित नाटक अंधेर नगरी चौपट राजा में एक छोटी भूमिका करने का अवसर भी प्राप्त हुआ। विद्यार्थी जीवन में छात्र राजनीति से जुड़े हुए लोगों ने भारतेन्दु बाबू की एक प्रतिमा विद्यालय के सामने स्थित कंपनी बाग में लगाने साथ ही साथ कंपनी बाग का नामकरण भी भारतीय बाबू के नाम पर करने हेतु उस समय आंदोलन चलाया था, जिसमें छोटी भूमिका में ही सही भाग लिया था ।भारतेंदु बाबू एक साहित्यकार, युग प्रवर्तक, लेखक, नाटककार नाटक लेखक, पत्रकार ,गरीब साहित्यकारों के मददगार, साहित्य विधा को जीने वाले व्यक्ति के साथ साथ अपने हृदय में बहुत बड़ा राष्ट्र का भाव रखने वाले व्यक्ति थे। और इसी कारण स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी कलम की भूमिका भी सुनिश्चित किया और शायद यही कारण था कि उनके द्वारा कहा गया की ‘निज भाषा उन्नति अहै’ ।मुझे गौरव है कि मैं उनके द्वारा स्थापित संस्थान का विद्यार्थी रहा। और विद्यार्थी जीवन से ही उसी संस्थान में सामाजिक कार्यों के प्रति रुचि बढ़ी। राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया, और आज उस संस्थान के गुरुजनों, विद्यार्थी मित्रों ने जो कुछ सीख मिली व्यवहार में महसूस करता हूं ।इस संस्थान के प्रति कृतज्ञ भाव रखते हुए जब संस्कृति मंत्री के नाते कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ तो भारतेंदु नाट्य अकेडमी जाने का अवसर मिला । चूंकि यह संस्थान संस्कृति विभाग के अधीन आता है इसलिए संस्थान का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान एक छोटी सी प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमा ढकी हुई भारतेंदु जी की दिखी और ज्ञात हुआ कि भारतेंदु जयंती या अन्य अवसरों पर इसी प्रतिमा पर माल्यार्पण होता है। उसी दिन तय किया कि यहां पर एक आदमकद प्रतिमा अवश्य होनी चाहिए और मा. मुख्यमंत्री जी से मार्गदर्शन प्राप्त किया।आज आदम कद प्रतिमा भारतेंदु बाबू की स्थापित की गई और आदरणीय मुख्यमंत्री जी ने स्वयं आकर के प्रतिमा का अनावरण किया ।साथ में माननीय उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा जी माननीय मंत्री गण श्री बृजेश पाठक जी श्री आशुतोष टंडन जी एवं भारतेंदु नाट्य अकादमी तथा भारतेंद्र बाबू के विचारों से जुड़े हुए विशिष्ट लोग ,साथ ही साथ भारतेंदु बाबू के परिवारी जन ।
एक अद्भुत अनुभूति ।आज मुझे इस बात का गौरव हो रहा है कि मैं भी उन हजारों हजार विद्यार्थियों में से एक विद्यार्थी श्री हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय का हूं जिसने भारतेन्दु बाबू के जन्म जयंती पर अपना एक पुष्प उनके चरणों में अर्पित किया।
जय भारतेन्दु। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम के बाद सचिवालय स्थित कार्यालय में विभागीय कार्यों का निष्पादन किया।