सियाराम मिश्रा, वरिष्ठ संपादक – डेयरी में पिछले सप्ताह हुए हत्याकांड का पुलिस अधीक्षक वाराणसी ग्रामीण ने हरहुआ स्थित कार्यालय में खुलासा किया। इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार करने के साथ ही हत्या के लिए प्रयोग किये गए असलहों को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस अधीक्षक वाराणसी ग्रामीण अमित वर्मा ने बताया कि भदोही जिले के कोतवाली थानांतर्गत गिरधरपुर निवासी मनोज यादव और जंसा थाने के नैपुरा निवासी बृजेश मिश्रा पार्टनरशिप के तहत ठेकेदारी आदि का कार्य करते थे। व्यवसाय के लिए मनोज ने बृजेश मिश्रा को काफी पैसा दिया था। तीन वर्ष पूर्व बृजेश व उसके मित्र को मनोज ने अपने व्यवहार पर ज्ञानपुर के दो सेठों से दो से तीन लाख रुपये के जेवरात उधार दिलवाया था। बृजेश और उसके मित्र ने गहन और पैसा वापस नहीं किया, जिसको लेकर मनोज द्वारा बार-बार गहने और पैसा तथा ठेकेदारी में अपने हिस्से के पैसे की मांग की जाती थी। इस बात से बृजेश अजीज आकर अपने मौसी के लड़के शुभम मिश्रा और अशोक पांडेय से मिलकर मनोज को जान से मारने की योजना बनायी। घटना के दिन बृजेश और उसके साथ के लोगों ने धोखा देकर मनोज को डेयरी पर बुलाए और .315 बोर के असलहे से गोली मारकर उसकी हत्या कर दिए। हत्या के बाद असलहा और कारतूस अशोक पांडेय के घर छुपा दिए। शुभम मिश्रा ने हत्याकांड के बाद जंसा पुलिस को दिए तहरीर में बताया था कि वह अपने भाभी को लेकर दवा के लिए लोहता बाजार गया था। वापस लौट कर जब वह डेयरी पर पहुंचा तो वहां किसी अज्ञात युवक ने धारदार हथियार से मनोज की हत्या कर दी थी। जबकि मृतक के पास से 315 बोर का एक कारतूस भी मिला था। पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही थी, इसी दौरान पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि धारदार हथियार से नहीं बल्कि गोली मारकर मनोज की हत्या हुई थी। उसके बाद पुलिस को शुभम मिश्रा पर शक हुआ। कड़ाई से पूछताछ में शुभम गोली मारकर हत्या की बात स्वीकार किया। उसके बाद पुलिस ने शुभम की निशानदेही पर जंसा थाने के आपी गांव निवासी अशोक पांडेय के घर से एक .32 बोर की अवैध पिस्टल, 315 बोर का एक अवैध तमंचा तथा कारतूस बरामद किया। इस मामले में शुभम मिश्रा और अशोक पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जबकि बृजेश मिश्रा अभी फरार है। बृजेश के गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा दबिश जारी है।