कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / राष्ट्रीय जनता दल के सेकंड सुप्रीमो तेजस्वी यादव फिर एक विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं. पटना कोर्ट में दायर परिवाद में कांग्रेस नेता व अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का टिकट देने के नाम पर मुझसे पांच करोड़ रुपये लिए गए और टिकट भी नहीं दिया गया। बाद में विधानसभा का टिकट देने का आश्वासन दिया गया, लेकिन वो टिकट भी मुझे नहीं दिया गया। इसके लिए वादी ने 25 जनवरी 2019 को राजद कार्यालय में तेजस्वी यादव और मदन मोहन झा के हाथों में पांच करोड़ रुपये दिए। टिकट नहीं मिलने पर जब वादी ने तेजस्वी यादव से संपर्क किया तो उनके द्वारा परिवादी को जान से मारने की धमकी दी गई।राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक तेजस्वी यादव सहित छह लोगों के खिलाफ दायर परिवाद पत्र मामले में पटना सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए परिवाद पत्र को कोतवाली थाना भेजा है। मामला लोकसभा चुनाव में टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये ठगने का है। पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा के माध्यम से भेजे गए परिवाद पत्र को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश अदालत ने कोतवाली थानाध्यक्ष को दिया है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के साथ ही राज्यसभा सदस्य बेटी मीसा भारती को भी आरोपित बनाया गया है। वहीं राजद सूत्रों का कहना है सरासर गलत केस है, तेजस्वी यादव इस तरह की फ़ूहड़ बातें नहीं करते. राष्ट्रीय जनता दल में पैसे लेकर टिकट नहीं दी जाती, यहां कार्यकर्ताओं का होता है सम्मान.