प्रियंका भारद्वाज की रिपोर्ट / राजभवन की सख्ती के बाद जम्मू -कश्मीर सरकार ने आतंकियों से लिंक रखने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम करने वाले 6 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. 6 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है उनमें कश्मीर घाटी के अनंतनाग के टीचर हमीद वानी भी शामिल है. वानी पर आरोप है कि नौकरी में आने से पहले वो आतंकी संगठन के जिला कमांडर के रूप में काम कर रहे थे.हमीद वानी को जमात-ए-इस्लामी के सहयोग से यह सरकारी नौकरी मिली थी. वानी पर यह भी आरोप है कि 2016 में बुरहान वानी के काउंटर के बाद वह देश विरोधी गतिविधियों के लिए कश्मीर में चलाए जा रहे कार्यक्रमों के मुख्य वक्ताओं में से एक थे. जम्मू के किश्तवाड़ जिले के जफर हुसैन भट्ट को भी सरकारी नौकरी से बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है. इसके साथ ही किश्तवाड़ के रहने वाले हैं और रोड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट में बतौर जूनियर असिस्टेंट पर तैनात मोहम्मद रफी को भी बर्खास्त किया गया है. मोहम्मद रफी पर आरोप है कि वो किश्तवाड़ जिले में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों को अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए जगह देता था. उस पर एनआईए ने पहले ही चार्जशीट दायर कर रखी है और गिरफ्तार भी किया था.प्रदेश सरकार ने राष्ट्र सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. इसी संबंध में कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने आदेश भी जारी किया था जिसमें देशद्रोहियों का समर्थन करने पर सरकारी कर्मचारियों की नौकरी जाने की बात कही गई थी.