कौशलेन्द्र पाराशर / न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व को एकजुट होने को कहा. बोले प्रधानमंत्री मोदी चरमपंथ का खतरा सभी देश पर बढ़ रहा है . गुड आतंकवाद और बैड आतंकवाद नहीं हो सकता. विज्ञान आधारित दृष्टिकोण को मजबूत करना होगा.जब भारतीयों की प्रगति होती है तो विश्व के विकास को भी लाभ होता है. भारत के डिजिटल पावर को आप इसे समझ सकते हैं कि 1 दिन में करोड़ों लोगों को टीका लगाने में सक्षम है. सीमित संसाधनों के बीच भारत ने वैक्सीन विकसित किया. भारत में 350 करोड़ डिजिटल लेनदेन प्रति महीना. भारत विकास करता है तो दुनिया विकास करती है. दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन भारत ने बना ली. जरूरतमंद देशों को फिर वैक्सीन देने लगा है भारत. वैक्सीन निर्माता भारत आये और वैक्सीन बनाये. हम भारत को सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने की दिशा में जुट गए हैं. आने वाली पीढ़ियों को जवाब देना है. दुनिया में चरमपंथ का खतरा बढ़ता जा रहा है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण बनना जरूरी. आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में 75 ऐसे सेटेलाइट को भेजने वाला है जो भारत में बन रहा है. आतंकवाद को जो लोग टूल की तरह यूज कर रहे हैं उनके लिए भी बड़ा खतरा है. अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए ना हो, बाकी महिलाएं सुरक्षित नहीं, बच्चे रो रहे हैं. आतंकवाद के खिलाफ एक सुर में आवाज उठानी ही होगी. अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक की सुरक्षा जरूरी. हमारे पूर्वजों ने कहा था सही समय पर सही काम नहीं किया जाता है तो काल ही उसे समाप्त कर देता है. कुछ देशों के लिए आतंकवाद राजनीतिक हथियार. आतंकवाद की मदद करने वालों को भी खतरा. अफगानी सिख हिंदू की सुरक्षा जरूरी. अपने शुभ कर्म पथ पर आगे बढ़ो, निर्भीक होकर आगे बढ़ो यही कह कर मोदी ने अपनी बात समाप्त की.