प्रिया सिन्हा, चीफ सब एडिटर / पितृपक्ष के अंतिम दिन आज पवित्र फल्गु नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और पिंडदान व तर्पण किया। ताकि पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो सके। आज पितृपक्ष अमावस्या की तिथि है। जिसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि गयाजी तीर्थ में अवस्थित फल्गु नदी में स्नान और फल्गु जल का तर्पण देने के बाद पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल जाती है और उनके लिए स्वर्ग का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। कभी भगवान राम माता सीता के साथ यहां पधारे थे और अपने पिता महाराजा दशरथ के लिए पिंडदान और तर्पण किए थे।स्थानीय पुरोहित कमलेश पांडे बताते हैं कि आज के दिन मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जल से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि संतान, वंश और धन की वृद्धि के लिए तर्पण कर्मकांड किया जाता है। साथ ही ब्राह्मणों को भोज कराया जाता है और इक्छानुसार दान की परंपरा है।वही महाराष्ट्र के नागपुर से आये पिंडदानी शत्रुघ्न कंडु ने बताया कि पितरों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए यहां पिंडदान करने आए है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन गयाजी स्थित मोक्षदायिनी फल्गु नदी के जल से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आज के दिन का विशेष महत्व है। यहां आकर बहुत अच्छा लगा। जिला प्रशासन द्वारा अच्छी व्यवस्था की गई है।