कौशलेन्द्र पाराशर के सवाल / लखीमपुर घटना का जितनी कड़ी शब्दों में निंदा की जाए कम है,कहीं प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद से हटाने के लिए विपक्षी पार्टियां किसान आतंक को तो समर्थन नहीं दे रही है इस पर जांच का विषय है.लखीमपुर में जो हिंसा हुई , चार किसानों के साथ पाँच लोग और मरे , चार किसानों की मौत पर हमदर्दी दिखाने पूरा विपक्ष पूरे मनोयोग से धरातल पर उतर आया ,लेकिन जो पांच लोग और मरे उन विचारों के साथ किसी ने अपनी हमदर्दी दिखाने की जुर्रत नहीं की , आखिर वह भी तो किसी की संतान थे , उनको भी न्याय मिलना चाहिए ।सपा, बसपा, कोंग्रेस का अब ब्राह्मण प्रेम कहां गया?लखीमपुर में चार ब्राह्मणों को बेरहमी से किसने ने मार डाला?धीरज तिवारी. उमेश शुक्ला. मोनू मिश्रा.शुभम मिश्रा इनके परिवार का भरण पोषण आखिर कौन करेगा. क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद पर बने रहकर किसान आतंकवाद को समर्थन तो नहीं दे रहे हैं. सभी पार्टियां मिलकर एकता के अलग किसान आतंकवाद को जन्म तो नहीं दे रही है?