मनोज की रिपोर्ट /केंद्र सरकार की ओर से देश के बार्डर एरिया में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का दायरा बढ़ाने पर पंजाब में सियासत तेज हो गई है। शिरोमणि अकाली दल इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस भी इसके खिलाफ आवाज उठा रही है। पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने तो इसके बहाने विपक्षी एकता की पहल कर दी है। अब उनके पुत्र और शिअद अध्यक्ष पूरे मामले में विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि अब बीएसएफ कभी भी श्री दरबार साहिब और दुर्ग्याणा मंदिर में घुस सकती है।सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की पंजाब में तस्करी रुक नहीं रही है। घुसपैठ के साथ ड्रोन के जरिये इसे पंजाब में अंदर तक भेजा जाता है। इसको लेकर पंजाब सरकार और यहां के सियासी दल केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग करते रहे हैं। इसके बाद पिछले दिनों केंद्र ने बार्डर एरिया में बीएसएफ की जांच का दायरा बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया। इसके बाद से पंजाब में सियासत तेज हो गई है और विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाने की कोशिश में लगी है।पंजाब में नशा बड़ा मुद्दा रहा है और 2017 के विधानसभा चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा रहा था। इसको लेकर पिछली कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर सवाल उठाए जा रहे थे। कहा जाता है कि पाकिस्तान से नशा तस्कर सीमा क्षेत्र में नशा भेजते हैं तो पंजाब में उनके हैंडलर्स उसे अंदर तक पहुंचा देते हैं। तर्क दिया जा रहा है कि बीएसएफ के लिए ऐसे लोगों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।सुखबीर बादल ने बीएसएफ का दायरा बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार पर फिर हमला किया। बादल ने कहा कि अब बीएसएफ अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब एवं दुर्ग्याणा मंदिर में कभी भी घुस सकती है। यदि केंद्र सरकार को किसी से भी नाराजगी या विरोध हो तो वह सीधे बीएसएफ का इस्तेमाल कर सकती है। यह संघीय ढांचे पर सीधा हमला है।सुखबीर ने कहा कि जिस तरह दिल्ली में वहां की पुलिस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार के अधीन न होकर केंद्र के अधीन है, उसी तरह पंजाब में भी काफी इलाका बीएसएफ के अधीन कर दिया गया है। ऐसा करने पर फिर पंजाब पुलिस का क्या औचित्य है।सुखबीर ने कहा कि इस संबंध में पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को केंद्र से लड़ाई लड़ने की जरूरत है, लेकिन चन्नी सरकार चुप बैठी है। उन्होंने कृषि सुधार कानून बनाने वाली कमेटी में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सदस्य थे और फिर भी कृषि कानून पास होने के मुद्दा दोहराते हुए कहा कि पंजाब से केंद्र सरकार लगातार धक्केशाही कर रही है।इसके साथ ही सुखबीर बादल ने दावा किया कि पंजाब में बिजली का संकट कोयले की कमी से नहीं बल्कि राज्य सरकार के कमजोर प्रबंधन की वजह से पैदा हुआ है। कांग्रेस सरकार ने पिछले पांच साल में कोई थर्मल प्लांट नहीं लगाया, जबकि इस दौरान मांग काफी बढ़ गई। यदि सरकार वक्त पर इंतजाम करती तो आज पंजाबियों को गंभीर बिजली संकट से नहीं गुजरना पड़ता