मनोज की रिपोर्ट /पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने बुधवार को लुधियाना में दावा किया कि पंजाब के लोगों को दिवाली से पहले बिजली बिल पर सरकार कोई न कोई राहत जरूर देगी। यह राहत क्या होगी और किस तरह दी जाएगी। इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। वित्तमंत्री ने साफ कहा कि पंजाब सरकार राहत उतनी ही देगी जितनी सामर्थ्य होगी। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय हर राजनीतिक दल कारोबारियों को लुभाने में जुटा है। बुधवार को इसी कड़ी के तहत पंजाब सरकार के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और उद्योग मंत्री गुरकीरत सिंह लुधियाना के कारोबारियों की नब्ज टटोलने के लिए पहुंचे। उनके साथ मंत्री भारत भूषण आशु मौजूद रहे।वित्तमंत्री ने बैठक शुरू होते ही उद्यमियों को 48 हजार वैट असेसमेंट केस को निपटाने का फैसला सुनाया। इन सभी केस को एक हफ्ते में सुलझा लिया जाएगा। इसके बाद कारोबारियों ने पंजाब सरकार के पांच रुपये यूनिट बिजली देने के वायदे की याद दिलाई। इस समय कारोबारियों को नौ रुपये प्रति यूनिट देना पड़ रहा है। इसके अलावा सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार, इंफ्रास्ट्रक्टर के साथ अन्य मुश्किलों की झड़ी लगा दी। वित्तमंत्री और उद्योग मंत्री ने जल्द इन समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया है।इस बैठक में चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कामर्शियल अंडरटेकिंग प्रधान उपकार सिंह आहूजा लुधियाना की इंडस्ट्री को आ रही मुख्य 16 समस्याओं को वित्तमंत्री के सामने रखा। इसमें सबसे पहले सरकारी विभागों में बड़े स्तर पर फैले भ्रष्टाचार, मिक्स लैंड में चल रही इंडस्ट्री, वैट एंड जीएसटी रिफंड जिसमें कारोबारियों का करोड़ों रुपये फंसा है। सबसे आखिरी में इंडस्ट्री को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली मुहैया करवाने की बात रखी।निटवेयर क्लब के अध्यक्ष दर्शन डाबर ने कहा कि टैक्स विभाग के अधिकारी व्यापारियों को काफी ज्यादा परेशान करते हैं। ई-बिल होने के बावजूद दो से तीन दिन तक उनके वाहन खड़े रहते हैं। इसके साथ ही कोई सुनवाई तक नहीं होती। इस भ्रष्टाचार को रोकने पर सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए। ताकि कारोबारियों को राहत मिल सके। कारोबारियों की समस्या को सुनने के बाद वित्तमंत्री ने इंडस्ट्री को विकसित करने के लिए 20 करोड़ रुपये जारी करने एलान किया। इसके साथ ही 15 करोड़ रुपये मेयर बलकार संधू और 10 करोड़ रुपये इंप्रूवमेंट ट्रस्ट चेयरमैन ने जारी करने की घोषणा की है। कारोबारियों ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इसका फायदा तब होगा यदि सरकार इन फंड को जारी भी करेगी वरना यह सिर्फ घोषणा ही रह जाएगी।वित्तमंत्री ने खुलासा किया कि जब उनकी सरकार सत्ता में आई थी, उस समय पंजाब के सिर पर दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। अब यह कर्ज 2.75 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। उन्होंने दावा किया कि आमदनी के अनुसार कर्ज की मात्रा कम है। यह सब हमने कर दिखाया है। अभी एक दिन ऐसा नहीं आया कि सरकार को ओवर ड्राफ्ट (ओडी) करना पड़ा हो। जबकि अकाली दल की सरकार के समय हर दूसरे दिन ओडी की समस्या झेलनी पड़ रही थी। इस समय पंजाब सरकार 12 से 14 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद कर लोगों को सप्लाई कर रही है।पंजाब में बिजली किल्लत के सवाल पर बादल ने कहा कि पंजाब के पास तीस दिन का स्टाक था, अब दो दिन का स्टाक बचा है। पंजाब में 80 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले पर निर्भर है। फिर भी सरकार 12 से 14 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद कर लोगों को सप्लाई कर रही है। भविष्य में हम बिजली उत्पादन का तरीका बदलने जा रहे हैं। इसमें सोलर, गैस का प्लान कर रहे है। कोयले का भाड़ा सबसे महंगा पड़ता है, प्रति यूनिट दो रुपये तो कोयले का भाड़ा ही पड़ता है।पांच रुपये यूनिट बिजली और राजनीतिक पार्टी के फ्री बिजली देने के सवाल पर बादल ने कहा कि इस समय पंजाब के लोगों को बिजली बिल सबसे ज्यादा परेशान कर रहे हैं। दिवाली तक सरकार कुछ न कुछ राहत देने की योजना बन रही है। फिलहाल यह नहीं बताया जा सकता है कि राहत क्या होगी।कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू की तरफ से कैप्टन सरकार पर कुछ नहीं करने जैसे सवाल खड़े करने पर मनप्रीत बादल कुछ बचते नजर आए। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि पुरानी पीढ़ी को नई पीढ़ी के लिए रास्ता छोड़ना पड़ता है। कैप्टन साहब इस समय 78 साल के हो चुके हैं, जबकि नए मुख्यमंत्री चन्नी की उम्र 58 साल है। इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह के रुखस्त होने का समय आ गया था। उन्होंने 21 साल कांग्रेस पार्टी को लीड किया है, साढ़े नौ साल वह प्रदेश के सीएम रह चुके है। अब नई पीढ़ी को आगे लाने का समय आ गया था।