कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / सुपर पावर भारत के वैज्ञानिकों ने दिखा दिया कि देश की सुरक्षा किसी दूसरे देश के भरोसे नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्नि-5 के वैज्ञानिकों को दी विशेष बधाई. भारत ने मिसाइल अग्नि 5 का सफल परीक्षण किया. ये परीक्षण एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से किया गया. इस मिसाइल की ख़ासियत है कि ये देश की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिकमिसाइल है और इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है. इस मिसाइल के अब तक अलग-अलग 7 से ज़्यादा ट्रायल हो चुके हैं. डीआरडीओ के बड़े वैज्ञानिक का मानना है कि अग्नि 5 मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में एक क्वांटम जंप है. भारत ने 5000 किलोमीटर मार करने वाली अग्नि मिसाइल 5 की सफल परीक्षण किया था और तब से लेकर अलग अलग तरीक़े के टेस्ट को अंजाम देकर अग्नि मिसाइल की सटीकता और मारक क्षमता को और बेहतर किया जा रहा है. उसी सिलसिले बुधवार को इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल, अग्नि-5 का सफल परिक्षण किया गया है.अग्नि 5 इस मिसाइल की पूरी तकनीक, प्रोपल्शन सिस्टम, रॉकेट, एडवांसड नेविगेशन 100 फीसदीस्वदेशीहै.अग्नि5एकऐसाप्लेटफ़ॉर्महैजिसकीरेंज5000किलोमीटर है जो की प्रमाणु हथियारों को ले जाने में पूरी तरह से सक्षम है. इससे भारत की डेटेरेंस पावर को ज़बरदस्त बढ़ाया गया है. कहा जाता है कि भारत के नक्शे पर किसी भी जगह से 5000 किलोमीटर का निशान बना दें और इसे फ़ायर कर दें तो ये सटीक मार कर सकती है.चीन ने इस परीक्षण पर अपनी नाराज़गी भी ज़ाहिर की है. आने वाले दिनों में अगर इसकी मारकर क्षमता के बढ़ाना हो तो वो भी बढ़ाया जा सकता है. ये एक बैलेस्टिक मिसाइल है और इसे ऐसी तकनीक के साथ लैस किया गया है कि एक बार टार्गेट प्रोग्राम करने के बाद उसे नष्ट करके ही छोड़ेगी. तकनीक के चलते इसे एसा प्रोग्राम किया गया है कि एक बार लॉन्च होने के बाद कोई भी देश तकनीकी तौर पर इंटरनेट के जरिए नेविगेशन या सिस्टम के साथ छेड़खानी नहीं कर सकता.इसकी रफ़्तार की बात करें तो ये आवाज़ की गति से 24 गुना तेज रफ़्तार अपने टार्गेट की ओर बढ़ा सकती है. अग्नि-5 मिसाइल का वजन करीब 50 टन है और इसकी लंबाई करीब 17 मीटर है जबकि मोटाई करीब 2 मीटर है. ये करीब 1500 किलो के वॉर-हेड को ले जाने में सक्षम है. जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल का सबसे पहला टेस्ट 2012 में हुआ था. भारतपहलेहीअग्नि-1,2,3 मिसाइल को ऑपरेशनली तैनात कर चुका है.