डॉ. संजीव कुमार सिंह लखीसराय से,भगवान धन्वंतरि जयंती पर देव वृक्ष पीपल का पौधारोपणपर्यावरण भारती द्वारा बिहार राज्य के बुध नगर ग्राम में आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि जी के जन्मदिन पर देव वृक्ष पीपल का पौधारोपण किया गया। पौधारोपण का नेतृत्व पर्यावरण भारती के पीयूष कुमार ने किया।पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शांडिल्य ने कहा कि भारत देश में कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी जी का जन्मदिन सभी चिकित्सक मनाते हैं। वे आयुर्वेद के साथ-साथ धन के देवता माने जाते हैं। ऐसे ही धनतेरस का नाम दिया गया है।पुराणों में वर्णित है कि समुद्र मंथन में भगवान धनवंतरी जी प्रकट हुए थे। वे समस्त रोगों के चिकित्सक थे। उन्हें आरोग्य के देवता माना गया है। समुद्र मंथन में प्रकट होने के समय भगवान धनवंतरी को चारभुजा थे। एक हाथ में अमृत कलश, दूसरे में औषधि, तीसरे में शंख एवं चौथे में चक्र विद्यमान था।
पुराणों में कहा गया है कि जब भगवान शंकर जी ने हलाहल विषपान किए थे, तो भगवान धन्वंतरि जी ने उन्हें अमृत प्रदान कर जीवन की रक्षा किए थे। उसी समय कुछ अमृत की बूंदें काशी नगरी में छलक कर गिर गए थे। अतः काशी नगरी को अमरता प्राप्त हो गया। अर्थात काशी नगरी भविष्य में कभी भी नष्ट नहीं होगी।
आयुर्वेद एवं औषधि के देवता भगवान धन्वंतरि जी के जन्मदिन पर देव वृक्ष पीपल का पौधारोपण शुभ कार्य है। पीपल वृक्ष औषधि गुण से भरा हुआ है एवं संसार में सबसे अधिक प्राकृतिक ऑक्सीजन इसी पेड़ से मानव को प्राप्त होता है।
पर्यावरण भारती के पौधारोपण कार्यक्रम में समाजसेवी नरेश यादव चुनमुन, पीयूष कुमार, गोपाल कुमार शर्मा,जय प्रकाश शर्मा,सरगम शर्मा जंगली, सुमन कुमार,अमन कुमार,आयूष कुमार, रौनक कुमार, प्रियांशु, आशीष कुमार, मनीष कुमार इत्यादि ने भाग लिए।