पंजाब मनोज दुबे /पंजाब विधानसभा चुनाव निकट आते देख कोई भी दल दूसरे पर आक्रामक होने का अवसर नहीं छोड़ रहा। मंगलवार को लुधियाना पहुंचे अकाली दल बादल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक दिन पहले बिजली की दरों में 3 रुपये की कटौती पर चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने वर्ष 1984 सिख कत्लेआम को लेकर भी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया।सुखबीर ने कहा कि 37 साल पहले गांधी परिवार के हुक्म पर आज के ही दिन सिखों का कत्ल किया गया था। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। सुखबीर बोले 37 साल लग गए पर सिखों के कातिलों को सजा नहीं मिली। पंजाब के कांग्रेसी चुप हैं। अकाली दल प्रधान ने बिजली सस्ती किए जाने पर भी प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा कि अगर गप्प ही मारनी थी तो 5 रुपये सस्ती कर देते। कैप्टन ने चुनाव के समय झूठे वादे किए थे, अब सीएम चन्नी भी वैसे ही झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस प्रधान ने खुद मान लिया कि ये वादे दो महीने के लिए ही हैं। जो फैसले आज सीएम चन्नी ले रहे हैं, वो अगली सरकार के मत्थे चढ़ेंगे। 7000 करोड़ बिजली विभाग को पुराना बकाया नहीं दिया, 5000 करोड़ और नया बकाया चढ़ जाएगा। कोई प्लानिंग नही है।चन्नी साहब पता होना चाहिए कि थर्मल प्लांट के मेमोरैंडम आफ अंडरस्टैंडिंग कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किए थे। यदि इस संबंध में किए गए सौदे रद किए तो 1500 करोड़ रुपये कंपनी को देने पड़ेंगे।सुखबीर ने कह कि हमने पावरकाम को घाटे से बाहर निकाल दिया था, पंजाब को पावर सरप्लस कर दिया था। बिजली के लास को 28 से 14 फीसद पर ले आए थे। अब फिर से 23 फीसद लास होने लगा है। चन्नी सरकार पंजाब का इंफ्रास्ट्रक्चर तोड़ने में लगी है। यदि वे नए प्लांट लगाते तो बात बनती। वे सारे प्लांट बंद करने की बात कर रहे हैं। इससे तो बिजली 20 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार पहले 5000 मेगा वाट बिजली की व्यवस्था करे और उसके बाद थर्मल प्लांटों को बंद करे। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारे निर्ण वोट पाने को लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली सस्ती करने का तरीका उनके पास है। पूरी योजना है।कर्मचारियों को 4 साल में डीए की किस्त नही दी। कर्मचारियों का सरकार पर 5000 करोड़ रुपये बकाया है। पहले वित्तमंत्री मनप्रीत बादल सब्सिडी के खिलाफ थे तो अब क्यों दे रहे हैं। अगर आपके पास फंड है तो किसानों को फसलों का मुआवजा दो। पेंशन, शगन दो। उन्होंने सेवा केंद्रों को बंद करने पर भी सरकार पर निशाना साथा। कांग्रेस सरकार ने मात्र 200 करोड़ का खर्च बचाने का दावा करके इन्हें बंद करवाया जबकि ये जनता के लिए बनवाए गए थे।