CIN :धीरेन्द्र वर्मा की रिपोर्ट /दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से मौत मामले की होगी जांच.दिल्ली सरकार ने कोर्ट में ये भी स्पष्ट किया था कि समिति किसी भी अस्पताल को दोषी नहीं ठहराएगी. साथ ही मुआवजे का भुगतान सरकार अकेले वहन करेगी. इस पर हाई कोर्ट ने समिति के संबंध में कहा था कि दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश की मंशा कोविड-19 के पीड़ितों को अनुग्रह देने की नहीं है. हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि आदेश को पढ़ने से मालूम हो जाएगा कि इसका मकसद ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड से पीड़ित मरीज की मौत के संबंध में समिति को मिली हर एक शिकायत की जांच करना है.दिल्ली सरकार ने हाल ही में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के मामले में कमेटी गठन को लेकर दोबारा एलजी के पास फाइल भेजी थी. फाइल भेजने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा था. पत्र में मनीष सिसोदिया ने लिखा था कि यह कहना सही नहीं होगा कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत नहीं हुई, लेकिन कितनी हुई थी उसके लिए जांच करवानी जरूरी है. हम जांच समिति बनाने के लिए दोबारा एलजी साहब के पास फाइल भेज रहे हैं और आप एलजी साहब को निर्देश दीजिए कि इस कमेटी को भंग ना करें. क्योंकि केंद्र सरकार भी जानना चाहती है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितनी मौत हुई थी.दिल्ली सरकार द्वारा गठित इस उच्चस्तरीय समिति में कई वरिष्ठ डॉक्टरों को शामिल किया गया है. लोक नायक अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर नरेश कुमार सहित एक और डॉक्टर एलएनजेपी से हैं. अन्य डॉक्टर दिल्ली के कई सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से हैं. इस कमेटी में कुल 6 लोगों को रखा गया है. यह कमेटी अब दिल्ली में ऑक्सीजन से हुई मौत की जांच करेगा.