प्रिया सिन्हा की रिपोर्ट -औरंगाबाद सदर अस्पताल में मरीज की मौत पर भड़के परिजन, जमकर किया बवाल, डॉक्टर को पीटा, इमरजेंसी वार्ड का गेट तोड़ा एंकर-औरंगाबाद सदर अस्पताल में बुधवार की सुबह एक मरीज की मौत पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा। इस दौरान परिजनों न केवल डॉ. उदय प्रसाद की पिटाई कर दी बल्कि इमरजेंसी वार्ड के गेट को भी तोड़ डाला। मामले की सूचना मिलने पर सदर एसडीपीओ गौतम शरण ओमी ने परिजनों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। परिजनों ने बताया कि सुबह में महिला मरीज को लेकर ईलाज के लिए अस्पताल आए थे। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीज को देखने के बाद चिकित्सक डॉ. उदय प्रसाद ने ब्लड प्रेशर देखने के बाद कहा कि मरीज का ब्रेन हेमरेज हुआ है। कुछ दवाएं ले आए, मरीज को दे देता हूं। तत्काल कुछ राहत मिलेगी। करमा गांव निवासी परिजन संतोष कुमार ने बताया कि वह दवाएं लेकर आये तो डॉक्टर ने उसे स्लाइन के साथ चढ़ा दिया। इसके बाद डॉक्टर ओपीडी में चले गये। बीच उनकी दादी मालती देवी की हालत बिगड़ने लगी। हालत बिगड़ने पर जब उन्होने ओपीडी में आकर मरीज को इमरजेंसी वार्ड में आकर मरीज को देखने को कहा। इस पर डॉक्टर ने मरीज को ओपीडी में लाने को कहा। वे वार्ड में आकर मरीज को देख लेने का आग्रह करते रहे लेकिन कोई डॉक्टर-नर्स मरीज को देखने नही आया। मरीज बेचैन होकर कराहता रहा लेकिन किसी ने मानवता और संवेदना नही दिखाई। आखिरकार उन्होने अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विकास सिंहा से गुहार लगाई तो उन्होने वार्ड में आकर मरीज को देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। उन्होने बताया कि वार्ड में मरीज को देखनेवाले डॉक्टर ने पहले ही हालत गंभीर देखते हुए रेफर कर दिया था। इसके बावजूद परिजनों ने मरीज को बेहतर इलाज के लिए ने जाए जाने में देरी की। इसी वज़ह से मरीज की मौत हुई है। वही परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने पुर्जा पर रेफर भले ही लिख दिया लेकिन मुंह से नही बताया। यदि बता दिया जाता तो वे तत्काल मरीज को ले जाते लेकिन चिकित्सक द्वारा नही बताने और इलाज में लापरवाही बरते जाने से मरीज की मौत हुई है। वही अस्पताल प्रबंधन ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है।