कंसल्टिंग एडिटर शोमा राजहंस / प्रगति मैदान में चल रहे विश्व व्यापार मेला में शनिवार से आम लोगों को प्रवेश करने की अनुमति दे दी गई है। पहले ही दिन लोगों की खूब भीड़ रही। खुले मैदान में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गा रहे हैं। इस साल बिहार को प्रमुख भागीदार राज्य के रूप में दर्जा दिया गया है, वहीं उत्तर प्रदेश और झारखंड पर फोकस किया गया है।यूं तो हर हॉल में लोगों की भीड़ है, लेकिन हुनर हाट और सरस में जो लघु उद्योग और स्वयं सहायता समूह के उत्पाद रखे गए हैं, वो लोगों को ध्यान खींच रहे है। इसके साथ ही कई केंद्रीय मंत्रालयों के स्टॉल पर जाकर लोग अपनी सुविधा से जानकारी हासिल कर कर रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद इस तरह के बड़े आयोजन को सफल बनाने के लिए आयोजक और दिल्ली पुलिस की ओर से बार-बार कोरोना निमयों के पालन करने की उदघोषणा करते रहे हैं। दर्शकों की बढ़ती संख्या को देखते जगह-जगह भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए सिविल डिफेंस वालंटियर की ड्यूटी लगाई गई थी। भारतीय व्यापार संवर्द्धन संगठन (आइटीपीओ) ने रविवार को और भी अधिक भीड़ उमड़ने का अनुमान लगाया है। अगर दर्शकों की संख्या 50 हजार से ज्यादा बढ़ती दिखी तो इसे नियंत्रित करने और कोरोना नियमों का पालन कराने के लिए दर्शक संख्या को कम किया जा सकता है।बिहार पवेलियन में मिट्टी के बने बर्तन लोगों का मन मोह रहे हैं। ‘माटी एन आकर’ के तहत बने टेराकोटा के सजावटी सामानों की तारीफ के साथ लोग जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं। झारखंड के पवेलियन में बांस से बने इको फ्रेंडली उत्पाद लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। बांस से बनाये जा रहे इन सामान में लैंपशेड, पॉट, पेन स्टैंड आदि सामान बेचे जा रहे हैं। जिसका मूल्य 100 रुपये से 1100 रुपये के बीच है। उत्तराखंड पैवेलियन में अधिकतर दर्शक दालें, जम्मू कश्मीर पैवेलियन में गरम कपड़े और पंजाब पैवेलियन में दूध से बने उत्पाद बादाम शेक, दही, खोया, रस मलाई आदि खरीदते नजर आए।