पटना, 28नवम्बर। भारतीय पुनर्वास परिषद के सौजन्य से पटना स्थित इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में “कौम्यूनिकेशन ऐसेसमेंट ऐंड मैनेजमेंट स्ट्रेटजी फ़ौर ऑटिज़म स्पेक्ट्रम डिज़ौर्डर्स” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आज संपांन हो गया।बेविनार में अपना वैज्ञानिक पत्र प्रस्तुत करती हुईं, न्यू गुआना, अमेरिका की पुनर्वास-विशेषज्ञा डा वंदिता गगोई ने बताया कि आत्मलीनता से पीड़ित बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन के लिए मनोवैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग लाभकारी हुआ है। उन्होंने इसकी विधियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया।औटिज़्म के कारणों की विस्तार से चर्चा करती हुई, अनन्या चाइल्ड डेवलपमेंट सेंटर, नई दिल्ली की निदेशक डा इशा सिंह ने आत्मलीनता के माप की विधि में प्रशिक्षण प्रदान किया। एस जी टी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम के स्पीच पैथोलौजिस्ट डा विवेक कुमार झा, डौन बास्को अकादमी, असम के नैदानिक मनोवैज्ञानिक डा जयदीप दास, सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डा देवांशी शर्मा, दा शेरीन रत्तन, दा सत्यधर द्विवेदी, डा अजय कुमार मिश्र ने भी वेबिनार मे अपने वैज्ञानिक पत्र प्रस्तुत किए। समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी तथा आशा व्यक्त की कि विगत तीन दिनों में इस वेबिनार मे जो चर्चा हुई तथा जिन आधुनिक तकनीक पर विमर्श हुआ, उससे न केवल सभी प्रतिभागी गण लाभान्वित होंगे, बालकी इसका लाभ मानसिक विकलांगता सहित अनय समस्याओं से ग्रस्त रोगियों तक भी लाभ पहुँचेगा।मो समद अंसारी के तकनीकी सहयोग से आयोजित इस वेबिनार का समन्वयन संस्थान के विशेष-शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो कपिलमुनि दूबे तथा रजनीकांत पाल ने किया। संवाद का संचालन कुमारी मुस्कान ने किया। वेबिनार में अमेरिका, न्यूज़ीलैंड, सउदी अरब, ओमान, दुबई समेत भारत के असम, केरल, छत्तीसगढ़, गोवा, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, राजस्थान, उत्तरप्रदेश,तमिलनाडू, बंगाल आदि राज्यों के २५० पुनर्वास-विशेषज्ञों ने भाग लिया।