कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट /ओमिक्रोन को देखते हुए कोरोना के हर स्वरूप के लिए टीका बनाने की तैयारी तेज हो गई. अभी तक जितने भी टिके आए हैं वे चीन केंद्रित है. ऐ टीके सभी स्वरूपों पर कुछ न कुछ प्रतिरोधक क्षमता दिखाएंगे. लेकिन खतरनाक और संक्रामक स्वरूप से निपटने के लिए वेरिएंट केंद्रित टीके बनाने होंगे. पुणे का सिरम इंस्टीट्यूट ने भारत में बूस्टर डोज के रूप में कोविसील्ड के लिए DGCI से अनुमति के लिये आवेदन दिया है. संस्थान ने कहा कि संक्रमण के नए स्वरूप को देखते हुए बूस्टर खुराक की जरूरत है. बूस्टर डोज के लिये दुनिया के तीन मशहूर कंपनियां फाइजर, मॉडर्ना, एस्ट्रोजेनिका इस पर काम शुरू कर चुकी है. आने वाले समय में कुछ वेरिएंट केंद्रित टिके बाजार में आ सकते हैं.