पटना, ३ दिसम्बर । विश्व विकालांग दिवस के अवसर पर शुक्रवार को बेउर पटना स्थित इंडियन इंस्टिच्युट औफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में विकलांगता जाँच एवं पुनर्वास शिविर लगाया गया। शिविर में अस्थि-विकलांग, श्रवण-विकलांग, दृष्टि-विकलांग समेत सभी प्रकार की विकलांगता की निःशुल्क जाँच एवं पुनर्वास की व्यवस्था की गई। पाँच श्रवण-विकालांग विशेष बच्चों को श्रवण-यंत्र दिए गए। जाँच में चिन्हित किए गए अन्य विकलांगों को उनकी सामग्री के निर्माण के पश्चात एक अलग वितरण शिविर में प्रदान किए जाएँगे।श्रवण-यंत्र वितरण के पश्चात अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि शारीरिक और मानसिक समस्याओं और उनकी चुनौतियों का सामना कर रहे पीड़ित समुडाय के प्रति समग्र संसार का ध्यान खींचने के लिए प्रत्येक तीन दिसम्बर को ‘विश्व विकलांग दिवस’ मनाया जाता है। आज से ३२ वर्ष पहले जब इस संस्थान की स्थापना हुई थी तब कुछ थोड़े से लोग इसके संबंध में अवगत थे। किंतु इस संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले बहु-दिवसीय समारोहों, पुनर्वास-शिविरों और प्रशिक्षण-कार्यक्रमों के कारण बिहार में पर्याप्त जगरूकता आई है। कुछ वर्षों से राज्य सरकार और राजभवन से इस अवसर पर संवेदना-संदेश भी प्रकाशित किए जा रहा है।शिविर में श्रवण-विकलांग रोहित कुमार, प्रतीक कुमार तथा पीयूष राज को श्रवण-यंत्र दिए गए। इस अवसर पर संस्थान के फ़िज़ियोथेरापी विभाग की अध्यक्ष डा संजीता रंजना, औडियोलौजी ऐंड स्पीच पथोलौजी विभाग के अध्यक्ष डा अजय कुमार मिश्र, प्रोस्थेटिक इंजीनियर दीपक कुमार, विशेष-शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो कपिल मुनि दूबे, आभास कुमार, प्रो संजीत कुमार, स्निग्धा वर्मा, चंद्रा आभा, मधुमाला कुमारी, सूबेदार उपेन्द्र सिंह, सुप्रभात शांडिल्य, रजनीकांत, अमित कुमार सिंह समेत बड़ी संख्या में संस्थान के शिक्षक, कर्मी एवं छात्रगण उपस्थित थे