प्रिया सिन्हा, चीफ सब एडिटर की रिपोर्ट / विश्व स्वास्थ संगठन के वैज्ञानिक डॉ.स्वामीनाथन की देशवासियों को दी सलाह, सतर्क रहें.-पहली बार संक्रमण के बाद तीन गुना जल्दी शिकार बनाता है ओमिक्रॉन.TV18 से बात करते हुए, डॉ स्वामीनाथन ने कहा कि वेरिएंट पर विषाणु और इसके फैलने का डाटा मिलने में लगेगा, वर्तमान में वैज्ञानिक जो जानते हैं वह यह है कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन प्रमुख वेरिएंट है.स्वामीनाथन ने कहा, “डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन में संक्रमण के 90 दिनों के बाद फिर से संक्रमण तीन गुना अधिक आम है. फिलहाल ओमिक्रॉन संक्रमण की क्लीनिकल विशेषताओं को समझने के लिए अभी ये शुरुआती समय है. मामलों में वृद्धि और अस्पताल में भर्ती होने के बीच एक अंतराल है. यह बीमारी कितनी गंभीर है, यह जानने के लिए हमें अस्पताल में भर्ती होने की दरों का अध्ययन करने के लिए दो से तीन सप्ताह तक इंतजार करना होगा.उन्होंने कहा, “दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि वहां इस स्ट्रेन से बच्चे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका में टेस्टिंग भी बढ़ाई गई हैं.स्वामीनाथन ने बताया कि वर्तमान में बच्चों के लिए कई टीके उपलब्ध नहीं हैं और केवल कुछ ही देशों ने बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू किया है और इसके कारण बच्चों में मामले बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा, “बच्चों के लिए बहुत सारे टीके उपलब्ध नहीं हैं और बहुत कम देश बच्चों का टीकाकरण कर रहे हैं. मामले बढ़ने पर बच्चों और असंक्रमित लोगों को अधिक संक्रमण हो सकता है. हम अभी भी डेटा का इंतजार कर रहे हैं ताकि बच्चों पर ओमिक्रॉन वेरिएंट के असर को खत्म किया जा सकेस्वामीनाथन ने कहा, “हमें टीकाकरण पर एक व्यापक और विज्ञान आधारित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. यह वही वायरस है जिससे हम निपट रहे हैं और इसलिए इससे बचाव के उपाय वही होंगे. अगर हमें वेरिएंट वैक्सीन की जरूरत है, तो यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वैरिएंट में कितना ‘इम्यून एस्केप’ है.